नई दिल्ली: सुहैल सत्तार और उनके बेटे याह्या सत्तार ने क्रिकेट के इतिहास में एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है। वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक साथ खेलने वाले पहले पिता-पुत्र की जोड़ी बन गए हैं। यह ऐतिहासिक पल 6 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में तब आया जब तिमोर-लेस्ते ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। इस मैच में पिता सुहैल सत्तार (50 वर्ष) और बेटे याह्या सत्तार (17 वर्ष) ने एक साथ मैदान पर कदम रखा।
पिता-पुत्र की पहली जोड़ीहालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिता-पुत्र की जोड़ी का एक साथ खेलना पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की महिला क्रिकेट टीम में भी ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली थी। इस साल मेट्टी फर्नांडीस और उनकी बेटी नैना मेट्टी राजू ने छह टी20 आई मैच एक साथ खेले थे। यह दिखाता है कि खेल के मैदान पर परिवार के सदस्यों का एक साथ आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिता-पुत्र की जोड़ी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ खेलना निश्चित रूप से एक खास उपलब्धि है।
घरेलू क्रिकेट में भी पिता-पुत्र की जोड़ियों के एक साथ खेलने या एक-दूसरे के खिलाफ खेलने के कई उदाहरण मौजूद हैं। वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज शिवनारायण चंद्रपॉल और उनके बेटे तेगनारिन चंद्रपॉल ने गुयाना के लिए 11 प्रथम श्रेणी मैच एक साथ खेले। इतना ही नहीं, मार्च 2014 में प्रोविडेंस स्टेडियम में विंडवर्ड आइलैंड्स के खिलाफ खेले गए एक मैच में शिवनारायण ने अपने बेटे को कप्तानी भी सौंपी थी। यह एक ऐसा पल रहा होगा जो पिता के लिए गर्व और बेटे के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा होगा।
मोहम्मद नबी बेटे के खिलाफ खेलेहाल ही में, 2025 के शपागीजा क्रिकेट लीग के फाइनल में अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी अपने बेटे हसन ईसाखाइल के खिलाफ खेलते हुए नजर आए। यह मुकाबला पिता और पुत्र के बीच एक रोमांचक जंग का गवाह बना, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा। ऐसे मुकाबले खेल की दुनिया में एक अलग ही रंग भर देते हैं।
तिमोर-लेस्ते की टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत कुछ खास नहीं रही है। अपने पहले तीन मैचों में उन्हें लगातार दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा है। यह दिखाता है कि टीम को अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
पिता-पुत्र की पहली जोड़ीहालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिता-पुत्र की जोड़ी का एक साथ खेलना पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की महिला क्रिकेट टीम में भी ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली थी। इस साल मेट्टी फर्नांडीस और उनकी बेटी नैना मेट्टी राजू ने छह टी20 आई मैच एक साथ खेले थे। यह दिखाता है कि खेल के मैदान पर परिवार के सदस्यों का एक साथ आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिता-पुत्र की जोड़ी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ खेलना निश्चित रूप से एक खास उपलब्धि है।
घरेलू क्रिकेट में भी पिता-पुत्र की जोड़ियों के एक साथ खेलने या एक-दूसरे के खिलाफ खेलने के कई उदाहरण मौजूद हैं। वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज शिवनारायण चंद्रपॉल और उनके बेटे तेगनारिन चंद्रपॉल ने गुयाना के लिए 11 प्रथम श्रेणी मैच एक साथ खेले। इतना ही नहीं, मार्च 2014 में प्रोविडेंस स्टेडियम में विंडवर्ड आइलैंड्स के खिलाफ खेले गए एक मैच में शिवनारायण ने अपने बेटे को कप्तानी भी सौंपी थी। यह एक ऐसा पल रहा होगा जो पिता के लिए गर्व और बेटे के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा होगा।
मोहम्मद नबी बेटे के खिलाफ खेलेहाल ही में, 2025 के शपागीजा क्रिकेट लीग के फाइनल में अफगानिस्तान के मोहम्मद नबी अपने बेटे हसन ईसाखाइल के खिलाफ खेलते हुए नजर आए। यह मुकाबला पिता और पुत्र के बीच एक रोमांचक जंग का गवाह बना, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा। ऐसे मुकाबले खेल की दुनिया में एक अलग ही रंग भर देते हैं।
तिमोर-लेस्ते की टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत कुछ खास नहीं रही है। अपने पहले तीन मैचों में उन्हें लगातार दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा है। यह दिखाता है कि टीम को अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
You may also like

मथुरा आ रही धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा, कौन हैं हंसराज रघुवंशी? जिनके भजनों पर झूम उठे बाबा बागेश्वर

सूर्यकुमार यादव ने मोहसिन नकवी को दिखाई उसकी औकात, ट्रॉफी विवाद पर बोल डाली दिल की बात

फिजिक्सवाला, टेनेको, एमवी... अगले हफ्ते खुल रहे 10,000 करोड़ के IPO, जानिए GMP समेत सारी डिटेल

कई बीमारियों की जड़ है कब्ज, आंतों में पनप रहे गंदे बैक्टीरिया से ऐसे पाएं छुटकारा

India-Pakistan Cricket In Los Angeles Olympic 2028: लॉस एंजेलेस ओलंपिक में पाकिस्तान और भारत के मुकाबले पर संशय, आईसीसी का नया नियम बन सकता है बड़ी बाधा




