मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण की योजना पर काम को तेज किया जा रहा है। वाराणसी और अयोध्या के बाद मथुरा के कायाकल्प की घोषणा लगातार प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से की जाती रही है। श्रीकृष्ण की नगरी को विकसित बनाने के लिए कई योजनाओं को संचालित किया गया है। अब बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। कॉरिडोर के निर्माण को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को नामित किया है। राज्य सरकार के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया।
जारी हो चुकी है अधिसूचनाराज्य सरकार की ओर से कॉरिडोर निर्माण की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। अब कॉरिडोर निर्माण के लिए एजेंसी की घोषणा के बाद काम में तेजी आने का अनुमान जताया जा रहा है। दरअसल, शुक्रवार को यूपी सरकार के प्रमुख सचिव की ओर से कॉरिडोर निर्माण के संबंध में पत्र जारी किया गया।
श्रद्धालुओं की सुविधा का जिक्रप्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम की ओर से धर्मार्थ कार्य निदेशालय के निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि श्री बांके बिहारी मंदिर अति प्राचीन और विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने सालों भर श्रद्धालु आते हैं। विशेष पर्व और आयोजनों पर श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो जाती है। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि इस स्थिति को देखते हुए मंदिर के चारों ओर विकास कार्य कराने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में पीडब्लूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
500 करोड़ की लागत से कॉरिडोरश्री बांके बिहारी कॉरिडोर का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है। इसके निर्माण से श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा मिलेगी। साथ ही, पार्किंग और वेटिंग एरिया की भी सुविधा मिल जाएगी। सूत्रों का दावा है कि जल्द ही कॉरिडोर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा। कॉरिडोर के दायरे में आने वाले मकान पहले से चिह्नित किए जा चुके हैं। उनके मकान मालिक को अधिग्रहण के साथ ही राशि का भुगतान होगा।
मंदिर न्यास का होगा गठनश्री बांके बिहारी कॉरिडोर निर्माण के साथ ही बिहारी जी मंदिर न्यास बनाने की घोषणा की गई है। न्यास में 18 नामनिर्दिष्ट और पदेन सदस्यों को रखा जाएगा। नामनिर्दिष्ट सदस्यों की संख्या 11 होगी। इसमें वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों या पीठों से संबंधित तीन प्रतिष्ठित शामिल किए जाएंगे। इनके साथ-साथ संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य और स्वामी आदि भी इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं, पदेन सदस्यों की संख्या 7 रहेगी।
संतों ने किया आह्वानकॉरिडोर और न्यास गठन को लेकर शनिवार को परिक्रमा मार्ग स्थित चैतन्य कुटी आश्रम में चारों संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत लाडली दास की अध्यक्षता में संतों की बैठक हुई। संतों ने इस बैठक में साफ कहा कि कॉरिडोर को लेकर जो भी अफवाह फैलाई जा रही है, लोग उस पर ध्यान न दें। संतों ने यह भी कहा कि कॉरिडोर में स्थानीय दुकानदारों और गोस्वामी परिवारों के अधिकारों का ख्याल रखा जाए। मामले में सरकार की ओर से स्पष्टीकरण की भी चर्चा की गई।
जारी हो चुकी है अधिसूचनाराज्य सरकार की ओर से कॉरिडोर निर्माण की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। अब कॉरिडोर निर्माण के लिए एजेंसी की घोषणा के बाद काम में तेजी आने का अनुमान जताया जा रहा है। दरअसल, शुक्रवार को यूपी सरकार के प्रमुख सचिव की ओर से कॉरिडोर निर्माण के संबंध में पत्र जारी किया गया।
श्रद्धालुओं की सुविधा का जिक्रप्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम की ओर से धर्मार्थ कार्य निदेशालय के निदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि श्री बांके बिहारी मंदिर अति प्राचीन और विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने सालों भर श्रद्धालु आते हैं। विशेष पर्व और आयोजनों पर श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो जाती है। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि इस स्थिति को देखते हुए मंदिर के चारों ओर विकास कार्य कराने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में पीडब्लूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
500 करोड़ की लागत से कॉरिडोरश्री बांके बिहारी कॉरिडोर का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है। इसके निर्माण से श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा मिलेगी। साथ ही, पार्किंग और वेटिंग एरिया की भी सुविधा मिल जाएगी। सूत्रों का दावा है कि जल्द ही कॉरिडोर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा। कॉरिडोर के दायरे में आने वाले मकान पहले से चिह्नित किए जा चुके हैं। उनके मकान मालिक को अधिग्रहण के साथ ही राशि का भुगतान होगा।
मंदिर न्यास का होगा गठनश्री बांके बिहारी कॉरिडोर निर्माण के साथ ही बिहारी जी मंदिर न्यास बनाने की घोषणा की गई है। न्यास में 18 नामनिर्दिष्ट और पदेन सदस्यों को रखा जाएगा। नामनिर्दिष्ट सदस्यों की संख्या 11 होगी। इसमें वैष्णव परंपराओं, संप्रदायों या पीठों से संबंधित तीन प्रतिष्ठित शामिल किए जाएंगे। इनके साथ-साथ संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य और स्वामी आदि भी इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं, पदेन सदस्यों की संख्या 7 रहेगी।
संतों ने किया आह्वानकॉरिडोर और न्यास गठन को लेकर शनिवार को परिक्रमा मार्ग स्थित चैतन्य कुटी आश्रम में चारों संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत लाडली दास की अध्यक्षता में संतों की बैठक हुई। संतों ने इस बैठक में साफ कहा कि कॉरिडोर को लेकर जो भी अफवाह फैलाई जा रही है, लोग उस पर ध्यान न दें। संतों ने यह भी कहा कि कॉरिडोर में स्थानीय दुकानदारों और गोस्वामी परिवारों के अधिकारों का ख्याल रखा जाए। मामले में सरकार की ओर से स्पष्टीकरण की भी चर्चा की गई।
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