नई दिल्ली: इंडियन नेवी को अपना तीसरा सर्वे वेसल मिल गया है। ये सर्वे वेसल लार्ज (SVL) श्रेणी का तीसरा जहाज है। इसका नाम आईएनएस इक्षक रखा गया है। इससे नेवी की हाइड्रोग्राफिक और समुद्री क्षमता बढ़ेगी।
आईएनएस इक्षक को नेवी में शामिल करने के कार्यक्रम में जहाज के कमांडिग ऑफिसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने कमिशनिंग वारंट पढ़ा। जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज के साथ नेवी का झंडा फहराया गया और इस जहाज के क्रू की तरफ से औपचारिक सलामी दी गई। जहाज में कमिशनिंग पेनेंट भी फहराया गया, जो ये दर्शाता है कि ये जहाज सक्रिय सेवा में है और यह तब तक फहराता रहेगा जब तक जहाज सेवा में है।
नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि यह जहाज़ भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने और रणनीतिक पहुंच को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा। आधुनिक हाइड्रोग्राफिक और ओशनोग्राफिक सिस्टम और हेलिकॉप्टर संचालन की सुविधा से लैस यह जहाज़ बेहतरीन क्षमता प्रदान करता है। इसकी दोहरी भूमिका इसे और खास बनाती है।
यह एक सर्वे जहाज़ के रूप में काम कर सकता है और जरूरत पड़ने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इक्षक पहला ऐसा SVL जहाज़ है जिसे महिलाओं के लिए अलग आवास सुविधा के साथ डिजाइन किया गया है। आईएनएस इक्षक अब अज्ञात समुद्री क्षेत्रों का मानचित्र तैयार करने, समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और अहम समुद्री मार्गों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैयार है।
अब हो गए तीन सर्वे वेसलआईएनएस इक्षक के नेवी में शामिल होने से नेवी के पास तीन सर्वे वेसल हो गए हैं। INS संध्याक पिछले साल फरवरी में नेवी में कमिशन हुआ था। इसी क्लास का दूसरा सर्वे शिप INS निर्देशक को पिछले साल दिसंबर में नेवी में शामिल हुआ। नेवी के लिए 4 बड़े सर्वे शिप के लिए 2018 में कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था।
क्यों अहम है ये क्षमतापानी के अंदर के खतरे से बचने के लिए हाइड्रोग्राफिक चार्ट अहम है। हाइड्रोग्राफिक चार्ट की मदद से ही समुद्र के अंदर के रास्ते बनते हैं कि कौन सा रास्ता सुरक्षित है और कौन से रास्ते पर दिक्कत है। समुद्र की सतह हर जगह एक सी नहीं होती है, कहीं ज्यादा गहरी तो कहीं कम गहरी होती है। अगर किसी के पास अपडेटेड हाइड्रोग्राफिक मैप नहीं है तो दुर्घटना का रिस्क रहता है। ये सर्वे वेसल समुद्र के सतह को स्कैन कर चार्ट तैयार करते हैं और फिर समुद्री रास्ते को मार्क किया जाता है। भारत का श्रीलंका सहित हिंद महासागर के कई देशों के साथ करार है और इंडियन नेवी उनके इलाके में हाइड्रोग्राफी सर्वे से नेविगेशन चार्ट बनाने में मदद करती है।
आईएनएस इक्षक को नेवी में शामिल करने के कार्यक्रम में जहाज के कमांडिग ऑफिसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने कमिशनिंग वारंट पढ़ा। जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज के साथ नेवी का झंडा फहराया गया और इस जहाज के क्रू की तरफ से औपचारिक सलामी दी गई। जहाज में कमिशनिंग पेनेंट भी फहराया गया, जो ये दर्शाता है कि ये जहाज सक्रिय सेवा में है और यह तब तक फहराता रहेगा जब तक जहाज सेवा में है।
नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि यह जहाज़ भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने और रणनीतिक पहुंच को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा। आधुनिक हाइड्रोग्राफिक और ओशनोग्राफिक सिस्टम और हेलिकॉप्टर संचालन की सुविधा से लैस यह जहाज़ बेहतरीन क्षमता प्रदान करता है। इसकी दोहरी भूमिका इसे और खास बनाती है।
यह एक सर्वे जहाज़ के रूप में काम कर सकता है और जरूरत पड़ने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इक्षक पहला ऐसा SVL जहाज़ है जिसे महिलाओं के लिए अलग आवास सुविधा के साथ डिजाइन किया गया है। आईएनएस इक्षक अब अज्ञात समुद्री क्षेत्रों का मानचित्र तैयार करने, समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और अहम समुद्री मार्गों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तैयार है।
अब हो गए तीन सर्वे वेसलआईएनएस इक्षक के नेवी में शामिल होने से नेवी के पास तीन सर्वे वेसल हो गए हैं। INS संध्याक पिछले साल फरवरी में नेवी में कमिशन हुआ था। इसी क्लास का दूसरा सर्वे शिप INS निर्देशक को पिछले साल दिसंबर में नेवी में शामिल हुआ। नेवी के लिए 4 बड़े सर्वे शिप के लिए 2018 में कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था।
क्यों अहम है ये क्षमतापानी के अंदर के खतरे से बचने के लिए हाइड्रोग्राफिक चार्ट अहम है। हाइड्रोग्राफिक चार्ट की मदद से ही समुद्र के अंदर के रास्ते बनते हैं कि कौन सा रास्ता सुरक्षित है और कौन से रास्ते पर दिक्कत है। समुद्र की सतह हर जगह एक सी नहीं होती है, कहीं ज्यादा गहरी तो कहीं कम गहरी होती है। अगर किसी के पास अपडेटेड हाइड्रोग्राफिक मैप नहीं है तो दुर्घटना का रिस्क रहता है। ये सर्वे वेसल समुद्र के सतह को स्कैन कर चार्ट तैयार करते हैं और फिर समुद्री रास्ते को मार्क किया जाता है। भारत का श्रीलंका सहित हिंद महासागर के कई देशों के साथ करार है और इंडियन नेवी उनके इलाके में हाइड्रोग्राफी सर्वे से नेविगेशन चार्ट बनाने में मदद करती है।
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