नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच फिर से ‘दोस्ती’ की तरफ कदम बढ़ते दिख रहे हैं। बाउंड्री इश्यू को लेकर दोनों देशों के स्पेशल रिप्रजेंटेटिव के बीच हाल ही में हुई बातचीत में कई सहमति भी बनी। इस पर भी सहमति बनी कि ईस्टर्न लद्दाख में डी-एस्केलेशन को लेकर बातचीत की जाए। लेकिन दूसरी तरफ चीन एलएसी के पास लगातार अपना मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है। चीन LAC के करीब तेजी से एयरपोर्ट और एयरबेस का निर्माण कर रहा है।
सेटेलाइट इमेज से सामने आया है कि चीन ताशकुर्गन खुंजेराब एयरपोर्ट को अपग्रेड कर रहा है। यहां चीन नए हैंगर, नया टैक्सीवे और सपोर्ट बिल्डिंग बना रहा है। ताशकुर्गन खुंजेराब एयरपोर्ट सियाचिन से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है। चीन ने साल 2022 में शिनजियांग प्रांत में इस एयरपोर्ट का निर्माण किया था। चीन ने जितने भी एयरपोर्ट तिब्बत और शिनजियांग इलाके में बनाए हैं वे सभी ड्युअल यूज के लिए हैं यानी सिविल के साथ ही मिलिट्री के इस्तेमाल के लिए भी।
LAC के करीब एयरफोर्स की ताकतखुंजेराब एयरपोर्ट जमीन के रास्ते भी 15 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन और पाकिस्तान के बीच दुनिया का सबसे बड़ा लैंड बॉर्डर क्रॉसिंग है। यही से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान में प्रवेश करता है। 2017 में डोकलाम विवाद के बाद से चीन ने अपनी एयरफोर्स की ताकत को एलएसी के करीब बढ़ाना शुरू कर दिया था। तिब्बत और शिनजियांग में 37 से ज्यादा नए एयरपोर्ट और हेलिपोर्ट बनाए गए। उनमें से 22 सिविल और मिलिट्री दोनों के इस्तेमाल के लिए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के वक्त चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी। इंडियन आर्मी के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने एक कार्यक्रम में इसका खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि ‘जब भारत-पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत चल रही थी तब पाकिस्तान यह तक कह रहा था कि हमें पता है कि आपकी ये-ये यूनिट तैयार है और कार्रवाई के लिए तैनात है और हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उसे पीछे हटाया जाए। इसका मतलब है कि उसे चीन से रियल टाइम जानकारी मिल रही थी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष को चीन ने अपने लाइव लैब की तरह इस्तेमाल किया, जिसमें उसने अपने अलग अलग वेपन सिस्टम का टेस्ट किया।
सेटेलाइट इमेज से सामने आया है कि चीन ताशकुर्गन खुंजेराब एयरपोर्ट को अपग्रेड कर रहा है। यहां चीन नए हैंगर, नया टैक्सीवे और सपोर्ट बिल्डिंग बना रहा है। ताशकुर्गन खुंजेराब एयरपोर्ट सियाचिन से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है। चीन ने साल 2022 में शिनजियांग प्रांत में इस एयरपोर्ट का निर्माण किया था। चीन ने जितने भी एयरपोर्ट तिब्बत और शिनजियांग इलाके में बनाए हैं वे सभी ड्युअल यूज के लिए हैं यानी सिविल के साथ ही मिलिट्री के इस्तेमाल के लिए भी।
LAC के करीब एयरफोर्स की ताकतखुंजेराब एयरपोर्ट जमीन के रास्ते भी 15 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन और पाकिस्तान के बीच दुनिया का सबसे बड़ा लैंड बॉर्डर क्रॉसिंग है। यही से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान में प्रवेश करता है। 2017 में डोकलाम विवाद के बाद से चीन ने अपनी एयरफोर्स की ताकत को एलएसी के करीब बढ़ाना शुरू कर दिया था। तिब्बत और शिनजियांग में 37 से ज्यादा नए एयरपोर्ट और हेलिपोर्ट बनाए गए। उनमें से 22 सिविल और मिलिट्री दोनों के इस्तेमाल के लिए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के वक्त चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी। इंडियन आर्मी के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने एक कार्यक्रम में इसका खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि ‘जब भारत-पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत चल रही थी तब पाकिस्तान यह तक कह रहा था कि हमें पता है कि आपकी ये-ये यूनिट तैयार है और कार्रवाई के लिए तैनात है और हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उसे पीछे हटाया जाए। इसका मतलब है कि उसे चीन से रियल टाइम जानकारी मिल रही थी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष को चीन ने अपने लाइव लैब की तरह इस्तेमाल किया, जिसमें उसने अपने अलग अलग वेपन सिस्टम का टेस्ट किया।
You may also like
घर के आटे में चुपचाप डाल दे ये चीजे पैसो की होगीˈ ऐसी बारिश कि आप संभाल नहीं पाएंगे
लखपति हैं इस गौशाला की 28 गायें बैंक में है 1-1 लाखˈ की एफडी जाने कैसे अमीर बनी
बुढ़ापा रहेगा दूर कोसों दूर चेहरे पर चमक और शरीर में ताकतˈ के लिए रात में करें इसका सेवन
आज का सिंह राशिफल, 26 अगस्त 2025 : तकनीकी वजह से आज आपका काम प्रभावित हो सकता है
एक युवक पुलिस की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया पुलिस अफसरˈ ने उससे पूछा कि अगर सेब का दाम 150 रुपये किलो हैं तो 100 ग्राम सेब कितने के आएंगे