नई दिल्ली: म्यामांर के साइबर हब पर बड़ी कार्रवाई के बाद थाईलैंड में गिरफ्तार किए गए 500 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय अब हरकत में आ गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को कहा, हमें उन भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी है, जिन्हें थाई अधिकारियों द्वार हिरासत में लिया गया है। थाईलैंड में जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद, थाईलैंड में हमारा मिशन उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करने और उन्हें वापस लाने के लिए थाई अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।"
पता चला है कि भारत अपने उन नागरिकों को वापस लाने के लिए थाईलैंड एक विमान भेजने पर विचार कर रहा है, जिनमें से ज्यादातर म्यांमार के केके पार्क परिसर में धोखाधड़ी वाले केंद्रों के शिकार हुए थे। थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने कहा कि लगभग 500 भारतीय पश्चिमी थाईलैंड के माई सोत में हैं। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार उन्हें वापस लाने के लिए एक विमान भेजेगी।'
थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा विदेश मंत्रालय
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास इस मुद्दे पर थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 'वे पिछले कुछ दिनों में म्यांमार से थाईलैंड में प्रवेश कर गए थे। थाईलैंड में हमारा मिशन उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करने और थाईलैंड में आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें स्वदेश भेजने के लिए थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।'
म्यांमार से भाग गए थे 1500 लोग
खबरों के अनुसार, ये भारतीय नागरिक उन 28 देशों के 1,500 से ज्यादा लोगों में शामिल हैं जो ‘स्कैम सेंटर’ पर कार्रवाई के बाद म्यांमार से भाग गए। म्यांमार के ‘स्कैम सेंटर’ अंतरराष्ट्रीय साइबर घोटालों में शामिल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न देशों के तस्करी के शिकार सैकड़ों लोगों को इन केंद्रों में धोखाधड़ी के कृत्यों में लिप्त होने के लिए मजबूर किया गया। ऐसी ही गतिविधियां कंबोडिया, लाओस, फिलीपीन और मलेशिया में भी होने की खबर है।
संयुक्त राष्ट्र की मई में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि भूमिगत गतिविधियां अक्सर आपराधिक नेटवर्कों से जुड़ी होती हैं, जो विश्व स्तर पर लोगों की भर्ती करते हैं, तथा उन्हें मुख्य रूप से कंबोडिया, म्यांमा, लाओस, फिलीपीन और मलेशिया में स्थित केंद्रों में काम पर लगाते हैं।
पता चला है कि म्यांमार से थाईलैंड भागे भारतीयों में कुछ धोखाधड़ी वाले केंद्रों के पीड़ित और कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो इनके संचालन में शामिल थे। मार्च में, भारत ने म्यांमा-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर घोटाला केंद्रों से मुक्त कराए गए 549 नागरिकों को वापस लाया था।
पता चला है कि भारत अपने उन नागरिकों को वापस लाने के लिए थाईलैंड एक विमान भेजने पर विचार कर रहा है, जिनमें से ज्यादातर म्यांमार के केके पार्क परिसर में धोखाधड़ी वाले केंद्रों के शिकार हुए थे। थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने कहा कि लगभग 500 भारतीय पश्चिमी थाईलैंड के माई सोत में हैं। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार उन्हें वापस लाने के लिए एक विमान भेजेगी।'
थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा विदेश मंत्रालय
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास इस मुद्दे पर थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 'वे पिछले कुछ दिनों में म्यांमार से थाईलैंड में प्रवेश कर गए थे। थाईलैंड में हमारा मिशन उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करने और थाईलैंड में आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें स्वदेश भेजने के लिए थाईलैंड के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।'
म्यांमार से भाग गए थे 1500 लोग
खबरों के अनुसार, ये भारतीय नागरिक उन 28 देशों के 1,500 से ज्यादा लोगों में शामिल हैं जो ‘स्कैम सेंटर’ पर कार्रवाई के बाद म्यांमार से भाग गए। म्यांमार के ‘स्कैम सेंटर’ अंतरराष्ट्रीय साइबर घोटालों में शामिल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न देशों के तस्करी के शिकार सैकड़ों लोगों को इन केंद्रों में धोखाधड़ी के कृत्यों में लिप्त होने के लिए मजबूर किया गया। ऐसी ही गतिविधियां कंबोडिया, लाओस, फिलीपीन और मलेशिया में भी होने की खबर है।
Our response to media queries on Indian nationals detained in Thailand⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 29, 2025
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संयुक्त राष्ट्र की मई में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि भूमिगत गतिविधियां अक्सर आपराधिक नेटवर्कों से जुड़ी होती हैं, जो विश्व स्तर पर लोगों की भर्ती करते हैं, तथा उन्हें मुख्य रूप से कंबोडिया, म्यांमा, लाओस, फिलीपीन और मलेशिया में स्थित केंद्रों में काम पर लगाते हैं।
पता चला है कि म्यांमार से थाईलैंड भागे भारतीयों में कुछ धोखाधड़ी वाले केंद्रों के पीड़ित और कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो इनके संचालन में शामिल थे। मार्च में, भारत ने म्यांमा-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर घोटाला केंद्रों से मुक्त कराए गए 549 नागरिकों को वापस लाया था।





