अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे लगातार हो रहे हैं। इस नेटवर्क से जुड़ी लखनऊ के लालबाग की रहने वाली महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में पता चला कि फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल शकील इसी महिला डॉक्टर की कार का इस्तेमाल करता था। इसी कार से राइफल और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। जांच आगे बढ़ने पर महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
ये हथियार मिले थे
जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल शकील के किराए के फ्लैट से पुलिस ने 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, AK-47 राइफल, 84 कारतूस और IED बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। यह विस्फोटक सामग्री बड़े आतंकी हमलों की साजिश के तहत स्टोर की गई थी। फरीदाबाद पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यह बरामदगी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस के 15 दिन के संयुक्त ऑपरेशन का नतीजा है। अब तक पुलिस ने 7 से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 2,900 किलोग्राम IED सामग्री (रासायनिक पदार्थ, टाइमर, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट आदि) बरामद की है। ये कार्रवाई श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल, शोपियां (जम्मू-कश्मीर), फरीदाबाद (हरियाणा), सहारनपुर और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में की गई है।
आदिल के लॉकर से AK-47 राइफल मिली
इस मॉड्यूल का पर्दाफाश तब हुआ, जब पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में काम कर चुके डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी यूपी के सहारनपुर से हुई थी। सूत्रों की मानें तो डॉ. आदिल की निशानदेही पर ही डॉ. मुजम्मिल शकील को पकड़ा गया है। GMC अस्पताल में डॉ. आदिल के लॉकर से पुलिस ने AK-47 राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए थे। जांच में सामने आया कि डॉ. आदिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था और कश्मीर में जैश नेटवर्क को फिर से खड़ा करने की साजिश रच रहा था।
कोड नाम से करता था संपर्क
डॉ. आदिल और उसके साथियों ने कोड नामों के जरिए संपर्क साधने, भर्ती और प्रचार कार्य करने और श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में जैश के पोस्टर चिपकाने जैसी गतिविधियों में भूमिका निभाई थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह नेटवर्क आतंक के लिए डॉक्टरों, शिक्षित युवाओं और स्थानीय संपर्कों का इस्तेमाल कर रहा था। अस्पताल जैसी जगहों को हथियार छिपाने के अड्डे के रूप में इस्तेमाल करना एजेंसियों के लिए बेहद गंभीर चेतावनी है।
ये हथियार मिले थे
जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल शकील के किराए के फ्लैट से पुलिस ने 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, AK-47 राइफल, 84 कारतूस और IED बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। यह विस्फोटक सामग्री बड़े आतंकी हमलों की साजिश के तहत स्टोर की गई थी। फरीदाबाद पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यह बरामदगी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस के 15 दिन के संयुक्त ऑपरेशन का नतीजा है। अब तक पुलिस ने 7 से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 2,900 किलोग्राम IED सामग्री (रासायनिक पदार्थ, टाइमर, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट आदि) बरामद की है। ये कार्रवाई श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल, शोपियां (जम्मू-कश्मीर), फरीदाबाद (हरियाणा), सहारनपुर और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में की गई है।
आदिल के लॉकर से AK-47 राइफल मिली
इस मॉड्यूल का पर्दाफाश तब हुआ, जब पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में काम कर चुके डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी यूपी के सहारनपुर से हुई थी। सूत्रों की मानें तो डॉ. आदिल की निशानदेही पर ही डॉ. मुजम्मिल शकील को पकड़ा गया है। GMC अस्पताल में डॉ. आदिल के लॉकर से पुलिस ने AK-47 राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए थे। जांच में सामने आया कि डॉ. आदिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था और कश्मीर में जैश नेटवर्क को फिर से खड़ा करने की साजिश रच रहा था।
कोड नाम से करता था संपर्क
डॉ. आदिल और उसके साथियों ने कोड नामों के जरिए संपर्क साधने, भर्ती और प्रचार कार्य करने और श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में जैश के पोस्टर चिपकाने जैसी गतिविधियों में भूमिका निभाई थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, यह नेटवर्क आतंक के लिए डॉक्टरों, शिक्षित युवाओं और स्थानीय संपर्कों का इस्तेमाल कर रहा था। अस्पताल जैसी जगहों को हथियार छिपाने के अड्डे के रूप में इस्तेमाल करना एजेंसियों के लिए बेहद गंभीर चेतावनी है।
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