गाजियाबाद: केंद्र सरकार की उत्तर प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या को 2030 तक खत्म करने की मंशा है। इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है। शासन के निर्देश पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे किया है, जिसमें पता चला है कि गाजियाबाद में प्रत्येक साल नाटे बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिले में 11625 नाटे और बेहद कमजोर बच्चों को चिह्नित किया गया है। चिह्नित किए गए ये बच्चे 100 क्षेत्रों से हैं। वहीं, अन्य क्षेत्रों में सर्वे जारी है। बच्चों का कद बढ़ाने के लिए पहली बार नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। साथ ही इनकी सेहत संवारने की कवायद शुरू हो गई है।
केंद्र सरकार देश भर में कुपोषित बच्चों को खत्म करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में गाजियाबाद में सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 100 क्षेत्रों का सर्वे कर लिया गया है और अन्य में जारी है। कुपोषित और नाटे बच्चों को वजन और लंबाई चेक करते हुए बच्चों की सेहत ठीक कराने के लिए न्यूट्रीशन भी बांटा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने गाजियाबाद के इन 100 क्षेत्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया है। यही नहीं कद बढ़ाने के लिए आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूल अध्यापक, ग्राम पंचायत और पटवारी की जिम्मेदारी तय की जा रही है। जिन घरों में ये बच्चे मिले हैं, उनकी निगरानी भी की जाएगी। बच्चों की सूची सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजी गई है।
नाटे बच्चों वाले टॉप टेन क्षेत्र
केंद्र सरकार देश भर में कुपोषित बच्चों को खत्म करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में गाजियाबाद में सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 100 क्षेत्रों का सर्वे कर लिया गया है और अन्य में जारी है। कुपोषित और नाटे बच्चों को वजन और लंबाई चेक करते हुए बच्चों की सेहत ठीक कराने के लिए न्यूट्रीशन भी बांटा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने गाजियाबाद के इन 100 क्षेत्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया है। यही नहीं कद बढ़ाने के लिए आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूल अध्यापक, ग्राम पंचायत और पटवारी की जिम्मेदारी तय की जा रही है। जिन घरों में ये बच्चे मिले हैं, उनकी निगरानी भी की जाएगी। बच्चों की सूची सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजी गई है।
नाटे बच्चों वाले टॉप टेन क्षेत्र
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