भारत की ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जिनके स्वास्थ्य लाभ को दुनिया भर में स्वीकृति प्राप्त है और अश्वगंधा उनमें से ही एक है। आपने इस जड़ी-बूटी का नाम कई बार सुना होगा। शायद आपने इसका इस्तेमाल भी किया हो। लेकिन क्या आप जानते हैं यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना अधिक लाभदायक है।
बता दें कि अश्वगंधा को आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है। अनेक औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल भारत में सदियों से ही कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है। अश्वगंधा के नाम का अर्थ है- “घोड़े जैसी गंध”, क्योंकि इसके जड़ से घोड़े जैसी गंध आती है।
इस जड़ी-बूटी पर कई रिसर्च भी किए जा चुके हैं। जिसमें बताया गया है कि अश्वगंधा स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने और नींद संबंधी समस्याओं का समाधान करने में मददगार है। इसके अलावा भी इसके कई अन्य फायदे हैं, जिनके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में जानकारी देंगे। साथ ही ये भी बताएंगे कि किन-किन लोगों को अश्वगंधा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
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अश्वगंधा के फायदे
इस भारतीय जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से आपको कई फायदे मिल सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
घटता है स्ट्रेस
अश्वगंधा मेंटल हेल्थ के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। यह नींद न आने की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। NIH की रिपोर्ट (ref) के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया कि अश्वगंधा ने तनाव और चिंता के स्तर को काफी कम कर दिया, नींद न आना और थकान को कम कर दिया, और सीरम कोर्टिसोल के स्तर (एक तनाव हार्मोन) को भी कम कर दिया।
एथलेटिक प्रदर्शन होता है बेहतर
अश्वगंधा का उपयोग ताकत, ऊर्जा, और शक्ति बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। शोध में सामने आया कि अश्वगंधा एथलेटिक प्रदर्शन पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है और एथलीटों के लिए एक बढ़िया सप्लीमेंट हो सकता है।
हार्ट हेल्थ को करता है बूस्ट

अश्वगंधा का इस्तेमाल आप हार्ट हेल्थ को सुधारने और बेहतर बनाने में भी कर सकते हैं। मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, यह हर्ब हाई ब्लड प्रेशर को लो करने, हाई कोलेस्ट्रॉल को घटाने, हार्ट डिजीज से बचाव करने में सहायता कर सकता है।
अल्जाइमर का खतरा होता है कम

2020 की समीक्षा से पता चलता है कि अश्वगंधा में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण हो सकते हैं और यह अल्जाइमर,हंटिंगटन और पार्किंसंस डिजीज सहित कई न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से रक्षा कर सकता है।
स्पर्म हेल्थ और टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाता है
अश्वगंधा रिप्रोडक्टिव हेल्थ में भी भूमिका निभा सकता है। यह स्पर्म हेल्थ और टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है।
किन लोगों के लिए है हानिकारक

तमाम स्वास्थ्य लाभ देने वाला अश्वगंधा कई लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इन लोगों के अश्वगंधा के इस्तेमाल से पहले सौ बार सोचना चाहिए।
1- कुछ लोगों को इसके इस्तेमाल से पेट में दर्द या दस्त हो सकते हैं। ऐसे में जिन्हें पहले से ही दस्त की समस्या है, उन्हें इसके उपयोग से बचना चाहिए।
2- गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हार्मोन स्तर को प्रभावित कर सकता है।
3- इसके अलावा इसे स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी सुरक्षित नहीं माना जाता है।
4- अश्वगंधा एनर्जी बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में कुछ लोगों को अत्यधिक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है,जिससे बेचैनी हो सकती है।
5- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर की सलाह से ही अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
6- वैसे तो यह जड़ी-बूटी नींद न आने की समस्या को कम करती है, लेकिन अत्यधिक सेवन से नींद में बाधा आ सकती है।
क्या होनी चाहिए अश्वगंधा की खुराक?
जड़ी बूटी कैप्सूल, पाउडर और लिक्विड एक्सट्रैक्ट के रूप में आती है। कुछ शोध से पता चलता है कि डेली 250-600 मिलीग्राम अश्वगंधा लेने से स्ट्रेस कम हो सकता है। वहीं, कई अध्ययनों में, कम खुराक की तुलना में 500 से 600 मिलीग्राम/दिन की खुराक से लाभ अधिक दिखाई दिया।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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