नई दिल्ली: चीनी मोबाइल ऐप टिकटॉक (TikTok) पर भारत में लगा प्रतिबंध क्या हटा दिया गया है? और क्या अब एक बार फिर लोग टिकटॉक का बेधड़क इस्तेमाल कर पाएंगे। ये सवाल इसलिए खड़े हुए, क्योंकि कुछ यूजर्स यह दावा कर रहे थे कि उन्होंने चीनी ऐप की वेबसाइट ओपन की और वह बिना किसी रुकावट के खुल गई। हालांकि, गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर कुछ शो नहीं हो रहा है। वेबसाइट पर ऐप शो होने की जानकारी सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर निशान साधा। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि टिकटॉक की वेबसाइट देश में चलने लगी है।
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के सीजफायर की तरह चीन के साथ भी शहादत का सौदा कर दिया गया है। हालांकि, इस बवाल के बाद अब इस मामले पर भारत सरकार का बयान आ गया है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि चीनी ऐप टिकटॉक से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने टिकटॉक को अनब्लॉक करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। ऐसा कोई भी जानकारी झूठी और भ्रामक है।
बैन के समय भारत और चीन के संबंधों में था तनावबता दें कि जून 2020 में, केंद्र सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिनमें ज्यादातर चीनी थे। इनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे। सरकार ने तब इन ऐप्स को बैन करने के पीछे तर्क दिया था कि ये ‘भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। जिस समय सरकार ने यह कदम उठाया, तब चीन के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण थे।
अमित शाह ने किए थे सिफारिश पर हस्ताक्षरदरअसल, साल 2020 में ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़पों के दौरान बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐप्स को ब्लॉक करने के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार आईटी मंत्रालय के औपचारिक रूप से आदेश जारी करने से पहले तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की सिफारिश पर हस्ताक्षर किए थे।
सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के सीजफायर की तरह चीन के साथ भी शहादत का सौदा कर दिया गया है। हालांकि, इस बवाल के बाद अब इस मामले पर भारत सरकार का बयान आ गया है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि चीनी ऐप टिकटॉक से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने टिकटॉक को अनब्लॉक करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। ऐसा कोई भी जानकारी झूठी और भ्रामक है।
बैन के समय भारत और चीन के संबंधों में था तनावबता दें कि जून 2020 में, केंद्र सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, जिनमें ज्यादातर चीनी थे। इनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे। सरकार ने तब इन ऐप्स को बैन करने के पीछे तर्क दिया था कि ये ‘भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। जिस समय सरकार ने यह कदम उठाया, तब चीन के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण थे।
अमित शाह ने किए थे सिफारिश पर हस्ताक्षरदरअसल, साल 2020 में ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़पों के दौरान बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐप्स को ब्लॉक करने के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार आईटी मंत्रालय के औपचारिक रूप से आदेश जारी करने से पहले तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की सिफारिश पर हस्ताक्षर किए थे।
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