पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में रविवार देर रात डायन होने का आरोप लगाकर आदिवासी परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलाकर हत्या मामले में पुलिस ने शवों की तलाश कर ली है। गांव वालों ने अधजले शवों को बोरे में बंद कर उसे उसे तालाब की जलकुंभी के नीचे छुपा दिया था। अधजले शवों को पुलिस ने कब्जे में लेकर मंगलवार सुबह उनका दाह संस्कार कर दिया है।
पुलिस मृतकों की बारे में बताया है-
1. बाबू लाल उरांव, उम्र करीब 65 वर्ष, पिता स्व० सीताराम उरांव
2. सीता देवी, उम्र 60 वर्ष, पति बाबू लाल उरांव
3. मंजीत उरांव, उम्र 25 वर्ष, पिता बाबू लाल उरांव
4. रानी देवी, उम्र 22 वर्ष, पति मंजीत उरांव
5. कातो मोस्मात, उम्र करीब 75 वर्ष, पति स्व. सीताराम उरांव की मारपीट कर एवं जलाकर हत्या कर दी गई थी।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदया, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1, सदर, पूर्णिया और थानाध्यक्ष, मुफस्सिल थाना के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। घटना में मृतकों के परिवार के ही एक 17 वर्षीय किशोर, जो अपने ननिहाल चला गया था, ने पूछताछ के क्रम में बताया कि बीते 06 जुलाई, 2025 की रात्रि समय 10-11 बजे के आसपास उरांव जाति के ही लोग ढेर संख्या में घर पर आए, जिसमें मुख्य आरोपी अपने बीमार भगीना को ठीक कराने के लिए मृतक एवं उनके अन्य मृत परिजनों पर दबाव बना रहा था।
भगीना की मौत से बौखलाकर कर दी 5 लोगों की हत्या
मुख्य आरोपी के एक बेटे की मौत कुछ दिन पहले ही हुई थी, जिसका आरोप मुख्य आरोपी व उसके परिजन, मृतक बाबू लाल उरांव पर लगा रहे थे। मुख्य आरोपी अपने भगीना को ठीक करने के लिए बार-बार बाबू लाल उरांव को धमकी दे रहा था। आरोप लगा रहा था कि बाबू लाल उरांव का परिवार डायन बिसाही का काम करता है। उसी ने उनके भगीने की हत्या की है। इस दौरान, मुख्य आरोपी और उसके साथ के व्यक्तियों की ओर से बार-बार मृतक बाबू लाल उरांव व उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
मृतकों के साथ मारपीट की गई और उनके मर जाने के बाद उनके शवों को ट्रैक्टर पर लादकर गांव से 3 किलोमीटर दूर छिपाने की नीयत से पोखर में गाड़ दिया गया।
3 आरोपियों को पुलिस ने कर लिया है अरेस्ट
इस मामले में विधिवत प्राथमिकी दर्ज करते हुए घटना में संलिप्त 3 अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर ली गई है। इन तीनों व्यक्तियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। कांड में मृतकों के शवों को ले जाने में प्रयुक्त ट्रैक्टर को बरामद करते हुए जब्त कर लिया गया है।
पुलिस ने बरामद कर लिया है शव
मृतकों के शवों को भी बरामद कर लिया गया है। इस मामले को संवेदनशील मानते हुए अन्त्य परीक्षण एक विशिष्ट मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर दंडाधिकारी की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ सम्पादित कराया जा रहा है। विधि-विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों की टीम की ओर से घटनास्थल पर पहुंचकर घटना से जुड़े सभी प्रदर्शों/साक्ष्यों का एकत्रीकरण किया गया है।
मामले की जांच के लिए SIT गठित
इस मामले में शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के लिए और अन्य पहलुओं पर अग्रतर अनुसंधान सम्पादित करने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1, सदर, पूर्णिया के नेतृत्व में एक विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया है। इस दल में जिले के अन्य दक्ष पदाधिकारियों की भी तैनाती की गई है। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानो पर छापेमारी की जा रही है।
पुलिस मृतकों की बारे में बताया है-
1. बाबू लाल उरांव, उम्र करीब 65 वर्ष, पिता स्व० सीताराम उरांव
2. सीता देवी, उम्र 60 वर्ष, पति बाबू लाल उरांव
3. मंजीत उरांव, उम्र 25 वर्ष, पिता बाबू लाल उरांव
4. रानी देवी, उम्र 22 वर्ष, पति मंजीत उरांव
5. कातो मोस्मात, उम्र करीब 75 वर्ष, पति स्व. सीताराम उरांव की मारपीट कर एवं जलाकर हत्या कर दी गई थी।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदया, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1, सदर, पूर्णिया और थानाध्यक्ष, मुफस्सिल थाना के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। घटना में मृतकों के परिवार के ही एक 17 वर्षीय किशोर, जो अपने ननिहाल चला गया था, ने पूछताछ के क्रम में बताया कि बीते 06 जुलाई, 2025 की रात्रि समय 10-11 बजे के आसपास उरांव जाति के ही लोग ढेर संख्या में घर पर आए, जिसमें मुख्य आरोपी अपने बीमार भगीना को ठीक कराने के लिए मृतक एवं उनके अन्य मृत परिजनों पर दबाव बना रहा था।
भगीना की मौत से बौखलाकर कर दी 5 लोगों की हत्या
मुख्य आरोपी के एक बेटे की मौत कुछ दिन पहले ही हुई थी, जिसका आरोप मुख्य आरोपी व उसके परिजन, मृतक बाबू लाल उरांव पर लगा रहे थे। मुख्य आरोपी अपने भगीना को ठीक करने के लिए बार-बार बाबू लाल उरांव को धमकी दे रहा था। आरोप लगा रहा था कि बाबू लाल उरांव का परिवार डायन बिसाही का काम करता है। उसी ने उनके भगीने की हत्या की है। इस दौरान, मुख्य आरोपी और उसके साथ के व्यक्तियों की ओर से बार-बार मृतक बाबू लाल उरांव व उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
मृतकों के साथ मारपीट की गई और उनके मर जाने के बाद उनके शवों को ट्रैक्टर पर लादकर गांव से 3 किलोमीटर दूर छिपाने की नीयत से पोखर में गाड़ दिया गया।
3 आरोपियों को पुलिस ने कर लिया है अरेस्ट
इस मामले में विधिवत प्राथमिकी दर्ज करते हुए घटना में संलिप्त 3 अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर ली गई है। इन तीनों व्यक्तियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। कांड में मृतकों के शवों को ले जाने में प्रयुक्त ट्रैक्टर को बरामद करते हुए जब्त कर लिया गया है।
पुलिस ने बरामद कर लिया है शव
मृतकों के शवों को भी बरामद कर लिया गया है। इस मामले को संवेदनशील मानते हुए अन्त्य परीक्षण एक विशिष्ट मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर दंडाधिकारी की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ सम्पादित कराया जा रहा है। विधि-विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों की टीम की ओर से घटनास्थल पर पहुंचकर घटना से जुड़े सभी प्रदर्शों/साक्ष्यों का एकत्रीकरण किया गया है।
मामले की जांच के लिए SIT गठित
इस मामले में शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के लिए और अन्य पहलुओं पर अग्रतर अनुसंधान सम्पादित करने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1, सदर, पूर्णिया के नेतृत्व में एक विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया है। इस दल में जिले के अन्य दक्ष पदाधिकारियों की भी तैनाती की गई है। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानो पर छापेमारी की जा रही है।
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