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बिहार फर्स्ट फेज इलेक्शन: कल शाम 5 बजे लग जाएगी धारा 126, जानिए मतदान से पहले क्या-क्या रहेगा बैन?

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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की सरगर्मी अपने अंतिम दौर में है। प्रचार थमने की आधिकारिक घड़ी अब नजदीक आ चुकी है। पहले चरण की वोटिंग से ठीक 48 घंटे पहले, यानी कल शाम 5 बजे चुनाव आयोग की ओर से धारा 126 लागू कर दी जाएगी। ये धारा लागू होने का सीधा मतलब है कि अब राजनीतिक दल और उम्मीदवार किसी भी तरह का सघन प्रचार नहीं कर पाएंगे। इसका उद्देश्य एक ऐसा 'साइलेंस पीरियड' सुनिश्चित करना है, जहां मतदाता बिना किसी बाहरी दबाव या शोर-शराबे के अपने निर्णय पर विचार कर सकें। इस दौरान नियम तोड़ने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।


धारा 126 क्या कहता है?Representation of the People Act, 1951 के सेक्शन 126(1)(B) के अनुसार मतदान से 48 घंटे पहले और मतदान खत्म होने तक किसी भी प्रकार का इलेक्शन मैटर जनता तक पहुंचाना प्रतिबंधित है। इलेक्शन मैटर का मतलब ये है कि कोई भी ऐसा कंटेंट, बयान या सामग्री जो वोटर को प्रभावित करने या चुनाव परिणाम पर असर डालने की कोशिश करे। कोई व्यक्ति या संस्था इस कानून का उल्लंघन करता है, तो इलेक्शन कमीशन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत अधिकतम दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों एक साथ हो सकता है।



चुनाव प्रचार पर पूर्ण प्रतिबंधधारा 126 लागू होते ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में सभी प्रकार के चुनावी प्रचार पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा।
  • सार्वजनिक सभा करना या आयोजित करना
  • जुलूस निकालना
  • लाउडस्पीकर या किसी भी ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करना
  • सिनेमा, टेलीविजन या किसी भी माध्यम से चुनावी सामग्री का प्रदर्शन
  • ये पाबंदी मतदान समाप्त होने तक जारी रहेगी


मीडिया पर भी रहेगा नियंत्रणचुनाव आयोग की ये धारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी सख्ती लागू करती है। मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी चुनावी क्षेत्र में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (जैसे टीवी, रेडियो, इंटरनेट) पर चुनाव से संबंधित सामग्री का प्रसारण प्रतिबंधित रहेगा। इंटरनेट वेबसाइट्स और सोशल मीडिया (Facebook, X, YouTube, WhatsApp), केबल नेटवर्क और FM चैनल, सिनेमा, लाउडस्पीकर और प्रचार के दूसरे माध्यम पर बैन लग जाता है। प्रिंट मीडिया में चुनावी विज्ञापन देने के लिए भी अब पूर्व-प्रमाणीकरण (Pre-Certification) अनिवार्य होगा।


बाहरी लोगों के जमावड़े पर रोकशांति बनाए रखने के लिए ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में कोई भी बाहरी राजनीतिक कार्यकर्ता या नेता मौजूद न हो। जो उस क्षेत्र का रजिस्टर्ड वोटर नहीं हैं, उन्हें क्षेत्र छोड़ने का निर्देश दिया जाएगा। होटलों, गेस्ट हाउस और कम्युनिटी हॉल्स की तलाशी ली जाएगी ताकि कोई भी नेता या कार्यकर्ता चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए वहां न छिपा हो।
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