पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने बेटे और महागठबंधन के मख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की अपने चुनाव क्षेत्र राघोपुर में गैरमौजूदगी पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। गुरुवार को राघोपुर पहुंचीं राबड़ी देवी से स्थानीय लोगों ने तेजस्वी के क्षेत्र में न आने और चुनाव के समय ही दिखने की शिकायतें कीं। उन्होंने बाढ़ के दौरान तेजस्वी के न आने का भी जिक्र किया। राबड़ी देवी ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि तेजस्वी पूरे बिहार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने राघोपुर को अपने परिवार का सबसे प्रिय निर्वाचन क्षेत्र बताया।
वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट, तेजस्वी यादव का गढ़ मानी जाती है। यहां के लोगों ने अपने विधायक तेजस्वी के प्रति नाराजगी जताई है। जब राबड़ी देवी गुरुवार को अपने बेटे के लिए समर्थन मांगने पहुंचीं, तो उन्हें कई लोगों ने तेजस्वी के क्षेत्र में न आने की शिकायत की। एक महिला ने कहा, "आपका बेटा जो विधायक है, क्षेत्र में नहीं आता है।" एक अन्य व्यक्ति ने आरोप लगाया कि लालू परिवार राघोपुर को "सौतेला" मानता है।
सिर्फ चुनाव में आते हैं तेजस्वी एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा, "तेजस्वी जी बाढ़ में नहीं आते, वे सिर्फ चुनाव के दौरान आते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि "तेजस्वी बाढ़ के दौरान (सड़क पर) नाचते हुए देखे गए थे लेकिन हमसे मिलने यहां नहीं आए।"
इन शिकायतों के जवाब में राबड़ी देवी ने मुस्कुराते हुए अपने बेटे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी महागठबंधन के सीएम चेहरे के तौर पर, पूरे बिहार की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि राघोपुर के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। राबड़ी देवी ने कहा, "राघोपुर हमारा सबसे प्रिय निर्वाचन क्षेत्र है।" उन्होंने स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत करने की कोशिश की।
राघोपुर लालू परिवार के लिए सुरक्षित सीटराघोपुर सीट लालू परिवार के लिए हमेशा से एक सुरक्षित सीट मानी जाती रही है। इस सीट से लालू प्रसाद और राबड़ी देवी दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और तेजस्वी यादव 2015 के विधानसभा चुनावों से लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। हालांकि, इस बार जनता का मिजाज कुछ अलग नजर आ रहा है। लोग न केवल क्षेत्र में विकास, बाढ़ नियंत्रण और रोजगार जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि नेताओं से जवाब भी मांग रहे हैं।
यह सीट तब भी चर्चा में आई थी जब जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वे तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने अचानक अपना फैसला बदल दिया और कहा कि वे पार्टी के सभी 243 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों के लिए प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे।
वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट, तेजस्वी यादव का गढ़ मानी जाती है। यहां के लोगों ने अपने विधायक तेजस्वी के प्रति नाराजगी जताई है। जब राबड़ी देवी गुरुवार को अपने बेटे के लिए समर्थन मांगने पहुंचीं, तो उन्हें कई लोगों ने तेजस्वी के क्षेत्र में न आने की शिकायत की। एक महिला ने कहा, "आपका बेटा जो विधायक है, क्षेत्र में नहीं आता है।" एक अन्य व्यक्ति ने आरोप लगाया कि लालू परिवार राघोपुर को "सौतेला" मानता है।
सिर्फ चुनाव में आते हैं तेजस्वी एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा, "तेजस्वी जी बाढ़ में नहीं आते, वे सिर्फ चुनाव के दौरान आते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि "तेजस्वी बाढ़ के दौरान (सड़क पर) नाचते हुए देखे गए थे लेकिन हमसे मिलने यहां नहीं आए।"
इन शिकायतों के जवाब में राबड़ी देवी ने मुस्कुराते हुए अपने बेटे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी महागठबंधन के सीएम चेहरे के तौर पर, पूरे बिहार की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि राघोपुर के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। राबड़ी देवी ने कहा, "राघोपुर हमारा सबसे प्रिय निर्वाचन क्षेत्र है।" उन्होंने स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत करने की कोशिश की।
राघोपुर लालू परिवार के लिए सुरक्षित सीटराघोपुर सीट लालू परिवार के लिए हमेशा से एक सुरक्षित सीट मानी जाती रही है। इस सीट से लालू प्रसाद और राबड़ी देवी दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और तेजस्वी यादव 2015 के विधानसभा चुनावों से लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। हालांकि, इस बार जनता का मिजाज कुछ अलग नजर आ रहा है। लोग न केवल क्षेत्र में विकास, बाढ़ नियंत्रण और रोजगार जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि नेताओं से जवाब भी मांग रहे हैं।
यह सीट तब भी चर्चा में आई थी जब जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वे तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने अचानक अपना फैसला बदल दिया और कहा कि वे पार्टी के सभी 243 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों के लिए प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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