दुबई: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को F-35 फाइटर जेट डील के मामले में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने झटका दे दिया है। यूएई ने साफ कर दिया है कि उसने अमेरिकी F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना रद्द कर दी है। यूएई ने बताया है कि वह दक्षिण कोरिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान KF-21 बोरामे खरीदने के लिए कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसकी कोरियाई अधिकारियों से बातचीत भी काफी आगे बढ़ गई है।
न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई का यह फैसला इसलिए खास है क्योंकि खाड़ी का यह देश अमेरिका का प्रमुख सहयोगी है। यूएई अगर अमेरिकी विमानों की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है तो यह डोनाल्ड ट्रंप की चिंता को बढ़ाएगा। बीते कुछ समय में कई देशों ने F-35 जेट खरीद की योजना कैंसिल की है, जिसमें एक नाम भारत का भी है। यूएई के कदम से पता चलता है कि अरब देशों में दक्षिण कोरिया, चीन और तुर्की जैसे हथियार आपूर्तिकर्ताओं की ओर रुझान बढ़ा है।
KF-21 का निरीक्षण कर चुके यूएई अधिकारीअधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा और रक्षा-उद्योग सहयोग पर बातचीत के दौरान यूएई के रक्षा उपसचिव ने साचियोन एयर बेस पर दक्षिण कोरिया के KF-21 के एक प्रोटोटाइप वर्जन का निरीक्षण किया और विमान की पिछली सीट पर यात्री के रूप में उड़ान भरी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल में दोनों देशों ने KF-21 लड़ाकू विमान कार्यक्रम पर व्यापक सहयोग के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
KF-21 बोरामे पुराने F-4 और F-5 जेट विमानों की जगह लेंगे। कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और कोरियन एजेंसी फॉर डिफेंस डेवलपमेंट लॉकहीड मार्टिन जैसे साझेदारों के साथ इसे विकसित किया जा रहा है। नेशनल सिक्योरिटी जर्नल के अनुसार, इस जेट की 1,000 किमी की युद्धक क्षमता है। यह हवा से हवा, हवा से सतह और जहाज-रोधी मिसाइलों के साथ-साथ निर्देशित और क्लस्टर बम भी ले जा सकता है। साथ ही इसमें अर्ध-चुपके से हमला करने की क्षमता भी है।
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UAE ने कही थी अमेरिकी जेट खरीदने की बातयूएई ने 2020 अब्राहम समझौते के तहत इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने के तुरंत बाद 50 एफ-35 जेट खरीदने की योजना की घोषणा की थी। अमेरिकी सुरक्षा स्थितियों, परिचालन प्रतिबंधों और चीन के साथ अमीरात के संबंधों पर तनाव के कारण इस सौदे को रद्द कर दिया। अब वह दक्षिण कोरिया से जेट लेने जा रहा है।
न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई का यह फैसला इसलिए खास है क्योंकि खाड़ी का यह देश अमेरिका का प्रमुख सहयोगी है। यूएई अगर अमेरिकी विमानों की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है तो यह डोनाल्ड ट्रंप की चिंता को बढ़ाएगा। बीते कुछ समय में कई देशों ने F-35 जेट खरीद की योजना कैंसिल की है, जिसमें एक नाम भारत का भी है। यूएई के कदम से पता चलता है कि अरब देशों में दक्षिण कोरिया, चीन और तुर्की जैसे हथियार आपूर्तिकर्ताओं की ओर रुझान बढ़ा है।
KF-21 का निरीक्षण कर चुके यूएई अधिकारीअधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा और रक्षा-उद्योग सहयोग पर बातचीत के दौरान यूएई के रक्षा उपसचिव ने साचियोन एयर बेस पर दक्षिण कोरिया के KF-21 के एक प्रोटोटाइप वर्जन का निरीक्षण किया और विमान की पिछली सीट पर यात्री के रूप में उड़ान भरी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल में दोनों देशों ने KF-21 लड़ाकू विमान कार्यक्रम पर व्यापक सहयोग के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
KF-21 बोरामे पुराने F-4 और F-5 जेट विमानों की जगह लेंगे। कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और कोरियन एजेंसी फॉर डिफेंस डेवलपमेंट लॉकहीड मार्टिन जैसे साझेदारों के साथ इसे विकसित किया जा रहा है। नेशनल सिक्योरिटी जर्नल के अनुसार, इस जेट की 1,000 किमी की युद्धक क्षमता है। यह हवा से हवा, हवा से सतह और जहाज-रोधी मिसाइलों के साथ-साथ निर्देशित और क्लस्टर बम भी ले जा सकता है। साथ ही इसमें अर्ध-चुपके से हमला करने की क्षमता भी है।
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