इंदौरः जिले के मोरोद क्षेत्र स्थित एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के छात्रों ने शुक्रवार को प्राचार्य की कार्यप्रणाली और छात्रावास में फैली अव्यवस्थाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रावास में रह रहे करीब 70 विद्यार्थियों ने 15 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्राचार्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। बच्चों ने आरोप लगाया कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और प्राचार्य उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही हैं।
छात्रों के अनुसार, प्राचार्य उन्हें अंग्रेजी में बात करने के लिए मजबूर करती है और न बोल पाने पर डांट-फटकार करती है। इसके अलावा, छात्रावास में बाथरूम और अन्य सफाई कार्य भी छात्रों से करवाए जा रहे हैं। कई छात्रों ने जातिगत भेदभाव और अनुचित व्यवहार का भी आरोप लगाया। एक छात्र ने तो यहां तक कहा कि वह आत्महत्या का विचार कर चुका है।
बच्चे को नहीं मिली सुविधाएं
बच्चों ने बताया कि हाल ही में एक छात्रा को पैनिक अटैक आया था। लेकिन समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी। छात्रा आधे घंटे तक तड़पती रही। हॉस्पिटल ले जाने के लिए निर्धारित वाहन का उपयोग प्राचार्य निजी कार्यों के लिए कर रही थीं।
प्रिंसिपल को भेजा बुलावा
जब छात्र अपनी शिकायत लेकर अपर कलेक्टर गौरव बैनल से मिले। तब अधिकारियों ने तत्काल प्राचार्य को भी बुलाया और दोनों पक्षों से बातचीत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच टीम गठित कर दी है। अपर कलेक्टर बैनल ने आश्वासन दिया कि छात्रों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। सच्चाई सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंसिपल ने दी सफाई
प्राचार्य ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कुछ लोग छात्रों को बहका रहे हैं। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
छात्रों के अनुसार, प्राचार्य उन्हें अंग्रेजी में बात करने के लिए मजबूर करती है और न बोल पाने पर डांट-फटकार करती है। इसके अलावा, छात्रावास में बाथरूम और अन्य सफाई कार्य भी छात्रों से करवाए जा रहे हैं। कई छात्रों ने जातिगत भेदभाव और अनुचित व्यवहार का भी आरोप लगाया। एक छात्र ने तो यहां तक कहा कि वह आत्महत्या का विचार कर चुका है।
बच्चे को नहीं मिली सुविधाएं
बच्चों ने बताया कि हाल ही में एक छात्रा को पैनिक अटैक आया था। लेकिन समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी। छात्रा आधे घंटे तक तड़पती रही। हॉस्पिटल ले जाने के लिए निर्धारित वाहन का उपयोग प्राचार्य निजी कार्यों के लिए कर रही थीं।
प्रिंसिपल को भेजा बुलावा
जब छात्र अपनी शिकायत लेकर अपर कलेक्टर गौरव बैनल से मिले। तब अधिकारियों ने तत्काल प्राचार्य को भी बुलाया और दोनों पक्षों से बातचीत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच टीम गठित कर दी है। अपर कलेक्टर बैनल ने आश्वासन दिया कि छात्रों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। सच्चाई सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंसिपल ने दी सफाई
प्राचार्य ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कुछ लोग छात्रों को बहका रहे हैं। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
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