रामबाबू मित्तल, मेरठ: गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े जीशान का अतीत बेहद चौंकाने वाला है। मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के ललियाना गांव निवासी जीशान की जिंदगी ने पिछले दो वर्षों में ऐसा मोड़ लिया, जिसने न केवल उसके परिवार को शर्मसार किया, बल्कि देश की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए।
22 वर्षीय जीशान कभी एक होनहार छात्र हुआ करता था। सरधना के नवोदय विद्यालय में उसका दाखिला छठी कक्षा में हुआ था, जहां उसने इंटर तक पढ़ाई की, लेकिन इंटरमीडिएट में आते-आते वह गलत संगत का शिकार हो गया। इसके बाद उसका पढ़ाई से मन भटक गया और वह धीरे-धीरे ऑनलाइन कसीनो की लत में फंसता चला गया।
कर्ज, जुए की लत और फिर फर्जी अपहरण
ऑनलाइन जुए की लत ने उसे आर्थिक रूप से तबाह कर दिया। लाखों रुपये हारने के बाद उस पर कर्ज चढ़ गया। परिवार से जब मदद नहीं मिली, तो उसने अपने मवाना के दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण का ड्रामा रचा। सितंबर 2024 में इस फर्जी अपहरण के लिए 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने मामले की तहकीकात करते हुए इस नाटक का पर्दाफाश कर दिया और जीशान को बरामद कर लिया।
हालांकि, परिजनों ने उस वक्त कोई मामला दर्ज नहीं कराया, लेकिन जीशान की हरकत ने परिवार की इज्जत को बट्टा जरूर लगाया। इसके बाद परिवार ने काफी प्रयास किए उसे सुधारने के, मगर वह लगातार बिगड़ता गया। आखिरकार नवंबर 2024 में उसके पिता आसिफ अली ने उसे बेदखल कर दिया और घर से निकाल दिया।
पिता का साफ संदेश – देशविरोधी के साथ नहीं
जीशान के पिता आसिफ अली, जो पेशे से इलेक्ट्रिशियन की दुकान चलाते हैं, ने साफ कहा कि मैं मेहनत-मजदूरी कर अपने बच्चों को पाल रहा हूं। जीशान ने जिस राह को चुना है, उसमें उसका साथ देने का सवाल ही नहीं उठता। जो देश के खिलाफ जाएगा, वह हमारा नहीं हो सकता। हमने उसे 7 नवंबर 2024 को बेदखल कर दिया था, तब से न उसने घर की ओर रुख किया और न ही किसी से बात की। जीशान के दो बड़े भाई फैसल अली मजदूरी करते हैं और सुहेल पत्थर लगाने का काम करता है। परिवार के अनुसार, जीशान की गलत संगत और जुए की लत ने उसे अपराध की ओर धकेल दिया।
अब आतंकी संगठन अल-कायदा से संबंध
गुजरात एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि जीशान सोशल मीडिया के माध्यम से अल-कायदा की विचारधारा का प्रचार कर रहा था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर युवाओं को ब्रेनवॉश करता था और उन्हें आतंकी संगठन से जोड़ने की कोशिश करता था। इसके लिए वे ऐसे मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करता था, जहां संदेश पढ़ने के बाद खुद ही डिलीट हो जाते थे, जिससे कोई सबूत न बचे।
नोएडा में किराए का कमरा, खुफिया एजेंसियों को भनक नहीं
जीशान बीते कुछ समय से नोएडा के छिजारसी क्षेत्र में किराए के कमरे में रह रहा था। वह अक्सर कमरे से बाहर नहीं निकलता था, और जब कभी दिखता, तो उसकी बातें स्थानीय लोगों को अजीब लगती थीं। कई बार ऐसा लगता था कि वह कोड वर्ड्स में बात कर रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि एलआईयू और स्थानीय पुलिस को उसकी गतिविधियों की भनक तक नहीं लगी।
मोबाइल कब्जे में, अब आगे की जांच अहम
गुजरात एटीएस ने जीशान का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, जिसमें से कई अहम जानकारियों के मिलने की उम्मीद है। जीशान और उसके तीन अन्य साथियों को अल-कायदा के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं की भर्ती का काम सौंपा गया था।
22 वर्षीय जीशान कभी एक होनहार छात्र हुआ करता था। सरधना के नवोदय विद्यालय में उसका दाखिला छठी कक्षा में हुआ था, जहां उसने इंटर तक पढ़ाई की, लेकिन इंटरमीडिएट में आते-आते वह गलत संगत का शिकार हो गया। इसके बाद उसका पढ़ाई से मन भटक गया और वह धीरे-धीरे ऑनलाइन कसीनो की लत में फंसता चला गया।
कर्ज, जुए की लत और फिर फर्जी अपहरण
ऑनलाइन जुए की लत ने उसे आर्थिक रूप से तबाह कर दिया। लाखों रुपये हारने के बाद उस पर कर्ज चढ़ गया। परिवार से जब मदद नहीं मिली, तो उसने अपने मवाना के दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण का ड्रामा रचा। सितंबर 2024 में इस फर्जी अपहरण के लिए 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने मामले की तहकीकात करते हुए इस नाटक का पर्दाफाश कर दिया और जीशान को बरामद कर लिया।
हालांकि, परिजनों ने उस वक्त कोई मामला दर्ज नहीं कराया, लेकिन जीशान की हरकत ने परिवार की इज्जत को बट्टा जरूर लगाया। इसके बाद परिवार ने काफी प्रयास किए उसे सुधारने के, मगर वह लगातार बिगड़ता गया। आखिरकार नवंबर 2024 में उसके पिता आसिफ अली ने उसे बेदखल कर दिया और घर से निकाल दिया।
पिता का साफ संदेश – देशविरोधी के साथ नहीं
जीशान के पिता आसिफ अली, जो पेशे से इलेक्ट्रिशियन की दुकान चलाते हैं, ने साफ कहा कि मैं मेहनत-मजदूरी कर अपने बच्चों को पाल रहा हूं। जीशान ने जिस राह को चुना है, उसमें उसका साथ देने का सवाल ही नहीं उठता। जो देश के खिलाफ जाएगा, वह हमारा नहीं हो सकता। हमने उसे 7 नवंबर 2024 को बेदखल कर दिया था, तब से न उसने घर की ओर रुख किया और न ही किसी से बात की। जीशान के दो बड़े भाई फैसल अली मजदूरी करते हैं और सुहेल पत्थर लगाने का काम करता है। परिवार के अनुसार, जीशान की गलत संगत और जुए की लत ने उसे अपराध की ओर धकेल दिया।
अब आतंकी संगठन अल-कायदा से संबंध
गुजरात एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि जीशान सोशल मीडिया के माध्यम से अल-कायदा की विचारधारा का प्रचार कर रहा था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर युवाओं को ब्रेनवॉश करता था और उन्हें आतंकी संगठन से जोड़ने की कोशिश करता था। इसके लिए वे ऐसे मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करता था, जहां संदेश पढ़ने के बाद खुद ही डिलीट हो जाते थे, जिससे कोई सबूत न बचे।
नोएडा में किराए का कमरा, खुफिया एजेंसियों को भनक नहीं
जीशान बीते कुछ समय से नोएडा के छिजारसी क्षेत्र में किराए के कमरे में रह रहा था। वह अक्सर कमरे से बाहर नहीं निकलता था, और जब कभी दिखता, तो उसकी बातें स्थानीय लोगों को अजीब लगती थीं। कई बार ऐसा लगता था कि वह कोड वर्ड्स में बात कर रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि एलआईयू और स्थानीय पुलिस को उसकी गतिविधियों की भनक तक नहीं लगी।
मोबाइल कब्जे में, अब आगे की जांच अहम
गुजरात एटीएस ने जीशान का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है, जिसमें से कई अहम जानकारियों के मिलने की उम्मीद है। जीशान और उसके तीन अन्य साथियों को अल-कायदा के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं की भर्ती का काम सौंपा गया था।
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