दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने जमालपुर थाने के एक दारोगा अजीत कुमार को घूस लेने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। दारोगा पर आरोप है कि उन्होंने एक केस में कार्रवाई करने के लिए 15000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। बिरौल एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने यह फैसला लिया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, जमालपुर थाने में एक मामला दर्ज हुआ था। प्राथमिकी संख्या 35/25 के पीड़ित ने आरोप लगाया था कि दारोगा अजीत कुमार उनसे कार्रवाई करने के लिए 15000 रुपये मांग रहे हैं। इस बातचीत का एक ऑडियो तेजी से वायरल हो गया। यह ऑडियो क्लिप एसएसपी जगुनाथ रेड्डी तक भी पहुंचा। एसएसपी ने मामले की जांच बिरौल एसडीपीओ मनीषचंद्र चौधरी को सौंपी। एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट में दारोगा अजीत कुमार को दोषी पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवेदक मोहम्मद नाजीर आलम ने शिकायत की थी। नाजीर आलम के अनुसार, दारोगा अजीत कुमार जमालपुर थाना कांड संख्या-09/2025 में आगे की कार्रवाई के लिए 15000 रुपये की मांग कर रहे थे। यह मामला 1 फरवरी 2025 को दर्ज किया गया था।
मनमानी करते थे दारोगा अजीत कुमार
जांच के दौरान थानाध्यक्ष ने भी दारोगा अजीत कुमार के बारे में कई बातें बताईं। थानाध्यक्ष के अनुसार, एसआई अजीत कुमार काफी अपनी मनमानी करते थे। इसके अलावा, 22 मई 2025 को दारोगा अजीत कुमार दरभंगा न्यायालय में गवाही देने गए थे। गवाही के बाद वे तीन दिन की छुट्टी पर चले गए। उसी शाम को किसी ने उन्हें फोन किया और जमालपुर थाना कांड संख्या-35/25 के बारे में कुछ पूछताछ की। इस पर दारोगा ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस घटना के संबंध में जमालपुर थाना सनहा संख्या-517, 22 मई को दर्ज की गई थी।
एसडीपीओ की सिफारिश पर सस्पेंड
थानाध्यक्ष ने जांच में यह भी बताया कि दारोगा अजीत कुमार कांड के अनुसंधान में भी मनमानी करते हैं। वे पैसे की मांग करते रहते हैं। जब भी उन्हें ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है, तो वे थानाध्यक्ष से विवाद करने लगते हैं। थानाध्यक्ष ने कहा कि यह उनके कर्तव्य के प्रति अनुशासनहीनता, मनमानेपन, लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं आदेशोल्लंघन को दर्शाता है। इसके बाद बिरौल एसडीपीओ मनीष चन्द्र चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में दारोगा अजीत कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी। उनकी सिफारिश के आधार पर एसएसपी ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय पुलिस केन्द्र, दरभंगा रहेगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, जमालपुर थाने में एक मामला दर्ज हुआ था। प्राथमिकी संख्या 35/25 के पीड़ित ने आरोप लगाया था कि दारोगा अजीत कुमार उनसे कार्रवाई करने के लिए 15000 रुपये मांग रहे हैं। इस बातचीत का एक ऑडियो तेजी से वायरल हो गया। यह ऑडियो क्लिप एसएसपी जगुनाथ रेड्डी तक भी पहुंचा। एसएसपी ने मामले की जांच बिरौल एसडीपीओ मनीषचंद्र चौधरी को सौंपी। एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट में दारोगा अजीत कुमार को दोषी पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवेदक मोहम्मद नाजीर आलम ने शिकायत की थी। नाजीर आलम के अनुसार, दारोगा अजीत कुमार जमालपुर थाना कांड संख्या-09/2025 में आगे की कार्रवाई के लिए 15000 रुपये की मांग कर रहे थे। यह मामला 1 फरवरी 2025 को दर्ज किया गया था।
मनमानी करते थे दारोगा अजीत कुमार
जांच के दौरान थानाध्यक्ष ने भी दारोगा अजीत कुमार के बारे में कई बातें बताईं। थानाध्यक्ष के अनुसार, एसआई अजीत कुमार काफी अपनी मनमानी करते थे। इसके अलावा, 22 मई 2025 को दारोगा अजीत कुमार दरभंगा न्यायालय में गवाही देने गए थे। गवाही के बाद वे तीन दिन की छुट्टी पर चले गए। उसी शाम को किसी ने उन्हें फोन किया और जमालपुर थाना कांड संख्या-35/25 के बारे में कुछ पूछताछ की। इस पर दारोगा ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस घटना के संबंध में जमालपुर थाना सनहा संख्या-517, 22 मई को दर्ज की गई थी।
एसडीपीओ की सिफारिश पर सस्पेंड
थानाध्यक्ष ने जांच में यह भी बताया कि दारोगा अजीत कुमार कांड के अनुसंधान में भी मनमानी करते हैं। वे पैसे की मांग करते रहते हैं। जब भी उन्हें ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है, तो वे थानाध्यक्ष से विवाद करने लगते हैं। थानाध्यक्ष ने कहा कि यह उनके कर्तव्य के प्रति अनुशासनहीनता, मनमानेपन, लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं आदेशोल्लंघन को दर्शाता है। इसके बाद बिरौल एसडीपीओ मनीष चन्द्र चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में दारोगा अजीत कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी। उनकी सिफारिश के आधार पर एसएसपी ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय पुलिस केन्द्र, दरभंगा रहेगा।
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