नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में भारत की ओर से भाषण दिया। संयुक्त राष्ट्र में संबोधन के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया। अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि हमारा पड़ोसी आतंकवाद का केंद्र है। पाकिस्तान ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे जिन्हें भारत ने तुरंत सिरे से खारिज कर दिया।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा, "भारत के लोगों की ओर से नमस्कार। हम इस अद्वितीय संस्था की स्थापना के आठ दशक बाद यहां एकत्रित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर हमसे न केवल युद्ध रोकने, बल्कि शांति स्थापित करने का आह्वान करता है। न केवल अधिकारों की रक्षा करने, बल्कि प्रत्येक मानव की गरिमा को बनाए रखने का भी आह्वान करता है।"
जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खूब सुनाया
UNGA में पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा जयशंकर ने कहा कि "पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने औद्योगिक पैमाने पर काम कर रहे हैं, आतंकवादियों की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की जाती है, और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, पिछले कई दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकी हमलों की जड़ें उसी देश से जुड़ी रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में भी ऐसे कई नाम हैं जो उसी देश के नागरिक हैं। हाल ही में अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या इसकी ताज़ा मिसाल है। भारत ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कदम उठाए और इस आतंकी हमले के आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा, "भारत के लोगों की ओर से नमस्कार। हम इस अद्वितीय संस्था की स्थापना के आठ दशक बाद यहां एकत्रित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर हमसे न केवल युद्ध रोकने, बल्कि शांति स्थापित करने का आह्वान करता है। न केवल अधिकारों की रक्षा करने, बल्कि प्रत्येक मानव की गरिमा को बनाए रखने का भी आह्वान करता है।"
जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खूब सुनाया
UNGA में पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा जयशंकर ने कहा कि "पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने औद्योगिक पैमाने पर काम कर रहे हैं, आतंकवादियों की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की जाती है, और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, पिछले कई दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकी हमलों की जड़ें उसी देश से जुड़ी रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में भी ऐसे कई नाम हैं जो उसी देश के नागरिक हैं। हाल ही में अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या इसकी ताज़ा मिसाल है। भारत ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कदम उठाए और इस आतंकी हमले के आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
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