पटना: बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव को बॉयकॉट करने का संकेत दिया है। उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। विकासशील इंसानी पार्टी (वीआईपी) के संयोजक मुकेश सहनी ने शुक्रवार को तेजस्वी यादव के फैसले के साथ चलने की बात कही।
चुनाव आयोग को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए
वीआईपी संयोजक मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे छोटे भाई तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर कमेटी के अध्यक्ष हैं। वे जो निर्णय लेंगे, हम उसके साथ जाएंगे। चुनाव आयोग को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। जनता पांच साल के लिए सरकार को चुनती है, लेकिन अगर चुनाव आयोग पक्षपात करके किसी पार्टी को सरकार में लाने का प्रयास करेगा, तो यह लोकतंत्र की हत्या है। इससे अच्छी बात है कि देश में चुनाव ही नहीं हो।"
देश के गरीबों के पास वोट का अधिकार ही उनकी सबसे बड़ी दौलत
उन्होंने कहा, "चुनाव कराने में देश का करोड़ों, अरबों रुपया खर्च होता है, लेकिन यह किसी नेता का पैसा नहीं है। यह देश की जनता का पैसा है जिस पर भारत के हर नागरिक का अधिकार है। अगर इस पैसे का दुरुपयोग किया जाएगा, तो उससे अच्छी बात है कि चुनाव ही नहीं हो। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसके अंतर्गत देश के सभी गरीब, वंचित, पीड़ित और दलितों को वोट देने का अधिकार दिया। पहले राजशाही परंपरा थी और राजा का बेटा ही अगला राजा होता था, लेकिन अंबेडकर जी ने देश में लोकतंत्र लाया, संविधान बनाया और लोगों को मतदान की ताकत दी। खासतौर पर गरीबों को वह शक्ति मिली कि वो वोट के दम पर किसी को भी अपना नेता बना सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा। ऐसे में देश के गरीबों के पास वोट का अधिकार ही उनकी सबसे बड़ी दौलत है, उसके बिना वो जीरो हैं।"
उल्लेखनीय है कि इससे पहले तेजस्वी यादव ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने बातचीत में आगामी बिहार चुनाव का बहिष्कार करने का संकेत भी दिया था।
चुनाव आयोग को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए
वीआईपी संयोजक मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे छोटे भाई तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर कमेटी के अध्यक्ष हैं। वे जो निर्णय लेंगे, हम उसके साथ जाएंगे। चुनाव आयोग को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। जनता पांच साल के लिए सरकार को चुनती है, लेकिन अगर चुनाव आयोग पक्षपात करके किसी पार्टी को सरकार में लाने का प्रयास करेगा, तो यह लोकतंत्र की हत्या है। इससे अच्छी बात है कि देश में चुनाव ही नहीं हो।"
देश के गरीबों के पास वोट का अधिकार ही उनकी सबसे बड़ी दौलत
उन्होंने कहा, "चुनाव कराने में देश का करोड़ों, अरबों रुपया खर्च होता है, लेकिन यह किसी नेता का पैसा नहीं है। यह देश की जनता का पैसा है जिस पर भारत के हर नागरिक का अधिकार है। अगर इस पैसे का दुरुपयोग किया जाएगा, तो उससे अच्छी बात है कि चुनाव ही नहीं हो। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसके अंतर्गत देश के सभी गरीब, वंचित, पीड़ित और दलितों को वोट देने का अधिकार दिया। पहले राजशाही परंपरा थी और राजा का बेटा ही अगला राजा होता था, लेकिन अंबेडकर जी ने देश में लोकतंत्र लाया, संविधान बनाया और लोगों को मतदान की ताकत दी। खासतौर पर गरीबों को वह शक्ति मिली कि वो वोट के दम पर किसी को भी अपना नेता बना सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा। ऐसे में देश के गरीबों के पास वोट का अधिकार ही उनकी सबसे बड़ी दौलत है, उसके बिना वो जीरो हैं।"
उल्लेखनीय है कि इससे पहले तेजस्वी यादव ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने बातचीत में आगामी बिहार चुनाव का बहिष्कार करने का संकेत भी दिया था।
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