वॉशिंगटन: अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाले क्वॉड समूह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के दोषियों को बिना देरी के न्याय के दायरे में लाने का आह्वान किया। चार देशों के समूह के विदेश मंत्री ने 22 अप्रैल के हमले की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी। बयान में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जोरदार वकालत की गई, लेकिन इसमें पाकिस्तान या मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चले चार दिवसीय सैन्य टकराव का जिक्र नहीं किया गया। अब एक्सपर्ट ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं।
अमेरिका से सावधान रहे भारत
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'क्वाड मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लेने या सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने से परहेज किया, इसके बजाय उन्होंने सामान्य शब्द 'आतंकवाद' का इस्तेमाल किया।' वास्तविकता यह है कि ट्रम्प प्रशासन पीड़ित और अपराधी के बीच बहुत कम अंतर करता है। चेलानी ने ट्रंप के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्हें कहा था कि 'मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं।'
चेलानी ने इसके पहले भी भारत को अमेरिका से सावधान रहने की चेतावनी दे चुके हैं। मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर खत्म होने के बाद उन्होंने इसका असली नतीजा भारत के लिए अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर एक चेतावनी बताया था। इंडिया टुडे टीवी के साथ चेलानी ने कहा था कि पहले बाइडन और अब ट्रंप, वॉइट हाउस के दो प्रशासन ने लगातार यह चेतावनी दी है कि अमेरिका भारत का विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार नहीं है।
क्वाड देशों ने क्या कहा था?
क्वाड देशों के विदेश मंत्री इसी मंगलवार को अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी में मिले थे, जिसमें एस जयशंकर भी शामिल हुए। अमेरिकी विदेश विभाग ने समूह के विदेश मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। मंत्रियों ने कहा, हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की हार्दिक कामना करते हैं। उन्होंने कहा, हम इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान करते हैं और सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।
जयशंकर ने बताया था भारत का रुख
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने कहा, आतंकवाद को लेकर भारत का रुख साफ है। हालिया अनुभव बताते हैं कि दुनिया को आतंकवाद के मामले में बर्दाश्त न करने वाला रवैया दिखाना होगा। आतंकवाद के पीड़ितों और इसे फैलाने वालों को एक नजर से नहीं देखा जा सकता है। जयशंकर ने कहा कि भारत को अपने लोगों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और हम यह अधिकार जरूर इस्तेमाल करेंगे। उम्मीद है कि हमारे क्वाड साझीदार इस बात को समझेंगे।
अमेरिका से सावधान रहे भारत
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'क्वाड मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लेने या सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने से परहेज किया, इसके बजाय उन्होंने सामान्य शब्द 'आतंकवाद' का इस्तेमाल किया।' वास्तविकता यह है कि ट्रम्प प्रशासन पीड़ित और अपराधी के बीच बहुत कम अंतर करता है। चेलानी ने ट्रंप के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्हें कहा था कि 'मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं।'
चेलानी ने इसके पहले भी भारत को अमेरिका से सावधान रहने की चेतावनी दे चुके हैं। मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर खत्म होने के बाद उन्होंने इसका असली नतीजा भारत के लिए अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर एक चेतावनी बताया था। इंडिया टुडे टीवी के साथ चेलानी ने कहा था कि पहले बाइडन और अब ट्रंप, वॉइट हाउस के दो प्रशासन ने लगातार यह चेतावनी दी है कि अमेरिका भारत का विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार नहीं है।
क्वाड देशों ने क्या कहा था?
क्वाड देशों के विदेश मंत्री इसी मंगलवार को अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी में मिले थे, जिसमें एस जयशंकर भी शामिल हुए। अमेरिकी विदेश विभाग ने समूह के विदेश मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। मंत्रियों ने कहा, हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की हार्दिक कामना करते हैं। उन्होंने कहा, हम इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान करते हैं और सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।
जयशंकर ने बताया था भारत का रुख
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने कहा, आतंकवाद को लेकर भारत का रुख साफ है। हालिया अनुभव बताते हैं कि दुनिया को आतंकवाद के मामले में बर्दाश्त न करने वाला रवैया दिखाना होगा। आतंकवाद के पीड़ितों और इसे फैलाने वालों को एक नजर से नहीं देखा जा सकता है। जयशंकर ने कहा कि भारत को अपने लोगों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और हम यह अधिकार जरूर इस्तेमाल करेंगे। उम्मीद है कि हमारे क्वाड साझीदार इस बात को समझेंगे।
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