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पाकिस्तान में एक के बाद एक 3 भूकंप के झटके... मुल्ला मुनीर ने किया था परमाणु बम का टेस्ट? डोनाल्ड ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा

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वॉशिंगटन/इस्लामाबाद: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप के इस दावे ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि इसी दावे को आधार बनाकर डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अधिकारियों को तत्काल परमाणु कार्यक्रम शुरू करने के लिए कहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 'उत्तर कोरिया निश्चित तौर पर परमाणु परीक्षण कर रहा है, चीन कर रहा है, रूस कर रहा है, पाकिस्तान कर रहा है। तो फिर अमेरिका को भी करना होगा।'

इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू में ये भी दावा किया है कि 'ये देश अंडरग्राउंड परमाणु परीक्षण करते हैं और किसी को भी उसके बारे में जानकारी नहीं होती है। लेकिन अमेरिका में ओपन सोसाइटी है. इसीलिए हमें बताना पड़ता है, नहीं तो आप लोग (मीडिया) उसपर लिखेंगे। लेकिन इन देशों का परमाणु कार्यक्रम गुप्त होता है, ये उसके बारे में कुछ बात नहीं करते हैं।' वहीं, भारत के डिप्लोमेटिक एक्सपर्ट्स का डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कहना है कि 'अमेरिकी राष्ट्रपति बहुत बड़ा दावा कर रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों की इसपर नजर होगी।'

क्या पाकिस्तान कर रहा है परमाणु परीक्षण?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दावे में खासतौर पर पाकिस्तान का नाम लिया है, जिससे भारत में एक्सपर्ट्स के कान खड़े हो गये हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी साल अप्रैल-मई महीने के दौरान पाकिस्तान में एक के बाद एक भूकंप के छोटे छोटे झटके महसूस किए गये थे। जिनको लेकर दावा किया गया था कि पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है। पाकिस्तान में लगातार तीन दिनों के भीतर आए भूकंप के झटकों ने इस दौरान ना सिर्फ धरती को हिला दिया था, बल्कि सोशल मीडिया और रणनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।


भूकंप के वो झटके उत्तरी और पश्चिमी पाकिस्तान में महसूस किए गये थे। उस वक्त कुछ एक्सपर्ट्स ने पाकिस्तान के सीक्रेट परमाणु टेस्ट को लेकर आशंका जताई थी। पहलगाम हमले के बाद जब दोनों देशों के बीच चरम पर तनाव था उस वक्त दावे किए गये थे पाकिस्तान ऐसा टेस्ट कर रहा है। दावा किया गया था कि पाकिस्तान, किराना हिल्स जैसे इलाकों में भूमिगत परमाणु परीक्षण कर रहा है। हालांकि किसी भी दावे की पुष्टि नहीं हो पाई और पाकिस्तान ने भी आधिकारिक तौर पर किसी भी बात की पुष्टि नहीं की थी। जबकि उस दौरान मनी कंट्रोल से बात करते हुए भारत के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के डायरेक्टर ओ. पी. मिश्रा ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि "न्यूक्लियर विस्फोट का सिस्मिक सिग्नेचर प्राकृतिक भूकंप से अलग होता है। जहां एक प्राकृतिक भूकंप में दो फेज होते हैं, वहीं परमाणु विस्फोट में एक तीसरा फेज बनता है, जिसे सेस्मोग्राफ साफ तौर पर पहचान सकते हैं।"


भूकंप के झटकों को लेकर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
उनके अलावा सीनियर भूकंप वैज्ञानिक ए. के. शुक्ला ने भी कहा था कि हालिया झटके अलग-अलग इलाकों से आए हैं, जिससे यह मानना असंभव है कि इतने व्यापक क्षेत्र में परमाणु परीक्षण हो रहे हों।" उन्होंने कहा था कि "पाकिस्तान का बड़ा हिस्सा भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स के सक्रिय जंक्शन पर स्थित है, इसलिए वहां बार-बार भूकंप आना आम बात है।"

लेकिन, लॉस आलामोस नेशनल लेबोरेटरी (अमेरिका) के वैज्ञानिक जोशुआ कार्माइकल ने एक रिसर्च पेपर में एक और सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है कि "कुछ स्थितियों में भूकंप के सिग्नल परमाणु विस्फोट के संकेतों को छिपा सकते हैं, जिससे मॉनिटरिंग सिस्टम्स के लिए उन्हें अलग करना मुश्किल हो जाता है।" उनके शोध के अनुसार, यदि किसी क्षेत्र में प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधि लगातार हो रही हो, तो कम तीव्रता वाले भूमिगत विस्फोटों की पहचान की संभावना 97% से घटकर मात्र 37% रह जाती है।" फिर भी हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि क्या वाकई पाकिस्तान ऐसा कोई टेस्ट कर रहा है?
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