बीजिंग: ईरान के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का साथ देने वाले देशों को चीन ने चेताया है। अमेरिका के इजरायल के साथ युद्ध में सीधे शामिल होने की अटकलों पर चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मेंबर की ओर से सख्त बयान दिया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी मेंबर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अमेरिका को इजरायल का साथ देने का विचार छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इजरायल को कुछ देशों का साथ मिल सकता है तो ईरान के पक्ष में भी देश उतर सकते हैं। ऐसे में अमेरिका इस युद्ध से दूर रहे। उन्होंने संकेत दिया है कि अमेरिका जंग में आया तो चीन भी ईरान के समर्थन में युद्ध में उतर सकता है।
चीनी सरकार ने अमेरिका को ईरान से दूर रहने की चेतावनी दी है। गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन ऐसे किसी एक्शन का विरोध करता है, जो दूसरे देशों की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी ईरान के खिलाफ इजरायल की बढ़ती सैन्य कार्रवाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। चीन ने अमेरिका से इस संघर्ष से दूर रहने और तत्काल तनाव कम करने का आग्रह किया है।
ईरान को रूस का भी मिला साथचीन के अलावा रूस से भी ईरान को समर्थन मिला है। रूस ने अमेरिका को चेताते हुए कहा है कि अगर उसने इजरायल के समर्थन में अपनी सेना भेजी तो पश्चिम एशिया में हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि हम अमेरिका को इस संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ चेताना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसके खतरनाक परिणाम होंगे।
मारिया जखारोवा ने कहा कि इजरायल ने जिस तरह से ईरान के न्यूक्लियर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए हैं। वो दिखाता है कि दुनिया तबाही के एकदम करीब है। वैश्विक समुदाय और पर्यावरणविद क्यों चुप हैं, ये समझ से परे है। उन्हें लगता है कि रेडिएशन से वह बच जाएंगे। सच्चाई ये है कि इस तबाही से कोई नहीं बचेगा। रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सर्गेई रयाबको ने भी अमेरिका को ईरान-इजरायल युद्ध से दूर रहने की चेतावनी दी है।
चीनी सरकार ने अमेरिका को ईरान से दूर रहने की चेतावनी दी है। गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन ऐसे किसी एक्शन का विरोध करता है, जो दूसरे देशों की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी ईरान के खिलाफ इजरायल की बढ़ती सैन्य कार्रवाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। चीन ने अमेरिका से इस संघर्ष से दूर रहने और तत्काल तनाव कम करने का आग्रह किया है।
ईरान को रूस का भी मिला साथचीन के अलावा रूस से भी ईरान को समर्थन मिला है। रूस ने अमेरिका को चेताते हुए कहा है कि अगर उसने इजरायल के समर्थन में अपनी सेना भेजी तो पश्चिम एशिया में हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि हम अमेरिका को इस संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ चेताना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसके खतरनाक परिणाम होंगे।
मारिया जखारोवा ने कहा कि इजरायल ने जिस तरह से ईरान के न्यूक्लियर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले किए हैं। वो दिखाता है कि दुनिया तबाही के एकदम करीब है। वैश्विक समुदाय और पर्यावरणविद क्यों चुप हैं, ये समझ से परे है। उन्हें लगता है कि रेडिएशन से वह बच जाएंगे। सच्चाई ये है कि इस तबाही से कोई नहीं बचेगा। रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सर्गेई रयाबको ने भी अमेरिका को ईरान-इजरायल युद्ध से दूर रहने की चेतावनी दी है।
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