बीजिंग/नई दिल्ली: पाकिस्तान से तनाव के बीच चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बता दिया है। जिसपर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी। लेकिन चीन ने भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताते हुए, प्रदेश में नाम बदलने को अपना संप्रभु अधिकार बताया है। इससे पता चलता है कि चीन, पाकिस्तान पर भारतीय हमले से बौखलाया हुआ है और वो किसी ना किसी तरह से भारत और चीन के बीच चल रहे संघर्ष में खुद को लाना चाहता है। चीन के विदेश मंत्रालय ने नया बयान जारी कर कहा है कि "अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलना उसके 'संप्रभु अधिकार' के तहत आता है।"समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जब चीनी विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स के रिपोर्टर ने पूछा कि 'भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश का नाम बदलने का विरोध करते हुए चीनी दावे को खारिज कर दिया गया है, तो क्या चीनी विदेश मंत्रालय इस पर कुछ कहना चाहेगा?' इस सवाल पर जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि 'ज़ंगनान (चीन ने अरुणाचल प्रदेश का नया नाम रखा) चीन का भाग है। चीन ने इसके कुछ हिस्सों के नाम का मानकीकृत करना चीन के संप्रभु अधिकार के तहत आता है।' भारत-पाकिस्तान के बीच खुद को लाना चाहता है चीन?भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अचानक से अरुणाचल प्रदेश का जिक्र आने का मतलब है कि चीन किसी तरह से पाकिस्तान की ढाल बनना चाहता है। वो पाकिस्तान के साथ खड़ा होने की कोशिश कर रहा है और भारत को एक नये मोर्चे पर उलझाना चाहता है। जबकि भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में 27 स्थानों के नाम बदलने के चीन की एक और "बेतुके" प्रयास को दृढ़ता से खारिज करते हुए कहा है, कि यह राज्य भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। यह पांचवीं बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के गांवों का नाम बदलकर भारतीय राज्य पर अपना दावा ठोका है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक दिन पहले कहा था कि "हमने देखा है कि चीन, भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के अपने व्यर्थ और बेतुके प्रयासों में लगा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "हमारे सैद्धांतिक रुख के मुताबिक, हम इस तरह के प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। रचनात्मक नामकरण इस निर्विवाद वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।" चीन ने इससे पहले भी अरुणाचल प्रदेश में चार मौकों पर स्थानों का नाम बदला है। 2017, 2021, 2023 और 2024 में भी चीन ऐसी हरकत कर चुका है। इस तरह की पहली कोशिश साल 2017 में की गई थी, जब दलाई लामा ने अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी। 2023 में फिर से इसी तरह की कोशिश की गई थी, जब भारत ने जी20 का सफल आयोजन किया था। उस समय भी भारत के विरोध के बाद में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि "ज़ंगनान क्षेत्र चीन का है। ज़ंगनान में कुछ स्थानों के नामों को मानकीकृत करने का चीनी सरकार का हालिया प्रयास पूरी तरह से चीन की संप्रभुता के भीतर है।"Just in: China again stakes claim to the Indian State of Arunachal Pradesh. Chinese Foreign ministry statement says changing name of locations in Arunachal Pradesh is 'within sovereign rights'
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 14, 2025
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