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बुढ़ापे की लाठी कहा जाता है ये छोटा सा पौधा, न कोई केमिकल, न साइड इफेक्ट—ये देसी पौधा अकेले ठीक कर सकता है कई बीमारियां!!

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Vridhadaru Or Vidhara Benefits As Per Ayurveda In Hindi: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में थकावट, कमजोरी और कई तरह की परेशानियां घेरने लगती हैं। ऐसे में अगर कोई देसी, सुरक्षित और असरदार उपाय मिल जाए, तो जिंदगी आसान हो सकती है।

आयुर्वेद में एक ऐसा छोटा सा पौधा बताया गया है, जिसे वृद्धदारु या विधारा कहते हैं। इसे बुढ़ापे की लाठी भी कहा जाता है, क्योंकि ये कई उम्र से जुड़ी समस्याओं में सहारा बनता है। चलिए जानते हैं इस छोटे से पौधे के बड़े-बड़े फायदे।

वृद्धदारु या विधारा के फायदे - Vridhadaru Or Vidhara Benefits In Hindi

शरीर को देता है ताकत और स्फूर्ति

बुजुर्गों को अक्सर कमजोरी और थकावट की शिकायत रहती है। ऐसे में विधारा का सेवन शरीर को मजबूती देने का काम करता है। ये नसों और मांसपेशियों को ताकत देता है, जिससे शरीर में फिर से ऊर्जा और ताजगी महसूस होती है।

यौन कमजोरी दूर करने में असरदार

आयुर्वेद में विधारा को यौन शक्ति बढ़ाने वाली औषधियों में गिना गया है। ये पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन दुर्बलता को दूर करता है और प्रजनन तंत्र को पोषण देता है। इसका नियमित सेवन यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

पाचन और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद

विधारा का असर पाचन तंत्र पर भी दिखता है। इसकी जड़ और पत्तियों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट को मजबूत करते हैं। साथ ही ये शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत यानी इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।

चेहरे को बनाता है साफ और चमकदार

अगर आपको मुंहासे या चेहरे के दाग-धब्बों की समस्या है, तो विधारा की पत्तियों का लेप लगाना फायदेमंद हो सकता है। ये घाव और स्किन से जुड़ी परेशानियों को ठीक करता है। चेहरे पर इसका असर साफ दिखता है।

जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत

बुढ़ापे में जोड़ों का दर्द आम हो जाता है, लेकिन विधारा की पत्तियों का लेप जोड़ों पर लगाने से राहत मिलती है। इसकी जड़ का चूर्ण दूध या पानी के साथ लेने से भी दर्द में आराम आता है।

विधारा का सेवन शुरू करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसे सीमित मात्रा में ही लें, तभी इसका पूरा फायदा मिलेगा।

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