बेल पत्र जिसे अक्सर मंदिर में शक्कर जी को चढ़ाया जाता है। भगवान को अर्पित करने वाले इन पत्तों का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि इसके कई आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
बेल पत्र पोषक तत्वों का भंडार हैं। इन पत्तों में विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B6, विटामिन C, कैल्शियम और फाइबर मौजूद होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है। रोज इन पत्तों का सेवन करने से कई बीमारियों का उपचार होता है। ये पत्ते इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं और बीमारियों से बचाव करते हैं। डायबिटीज कंट्रोल करने में ये पत्ते जादुई असर करते हैं। इनका सेवन करने से पैंक्रियाज इंसुलिन का तेजी से निर्माण करता है और ब्लड शुगर नॉर्मल रहता है। ये पत्ते पैंक्रियास की कार्यक्षमता बेहतर बनाते हैं।
आयुर्वेद में इन पत्तों का रामबाण औषधि माना गया है। बदलते मौसम में बेलपत्र का काढ़ा बनाकर उसका सेवन किया जाए तो बुखार में फायदा होता है। खासकर मलेरिया और वायरल बुखार में यह उपयोगी माना जाता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया बेलपत्र को सिर्फ पूजा का सामान नहीं समझें बल्कि आप उसका सेवन भी करें। ये पत्ते पाचन को सुधारने में जादुई असर करते हैं।
बेल का फल सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, उसके पत्ते भी सेहत के लिए उतने ही उपयोगी हैं। ये पत्ते पेट की गंदगी को साफ करते हैं, पुरानी कब्ज का इलाज करते हैं और आंतों में जमा गंदगी को भी साफ करते हैं। अगर रोज इन दो पत्तों को चबाया जाए तो कोलाइटिस का इलाज होता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये पत्ते कैसे पेट की गैस और अपच का रामबाण इलाज हैं।
बेल पत्र कैसे कब्ज का इलाज करता है?
बेल पत्र का सेवन करने से वात और कफ दोष संतुलित रहते हैं। बेलपत्र का सेवन करने से जठराग्नि बढ़ती है, जिससे भोजन जल्दी पचता है। इन पत्तों का सेवन करने से खाना पेट में सड़ता नहीं बल्कि पचता है। ये गैस को दूर करते हैं और अपच का इलाज करते हैं। अपच ही कब्ज का मुख्य कारण है। बेलपत्र में प्राकृतिक रेचक (mild laxative) गुण होते हैं जो मल को सॉफ्ट करते हैं और गंदगी को बाहर निकालते हैं। कब्ज अक्सर वात दोष के असंतुलन से होता है। बेलपत्र वात को शांत करता है, जिससे मल मार्ग में रुकावट नहीं होती। बेलपत्र पेट में बनने वाले टॉक्सिन को कंट्रोल करता है जिससे पेट साफ रहता है और कब्ज नहीं होती।
बेल पत्र में फाइबर और म्यूकिलेज जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो आंतों को चिकनाहट देते हैं और मल को सॉफ्ट बनाकर जल्दी डिस्चार्ज करते हैं। इन पत्तों को अगर रोज खाया जाए तो आंतों में जमा पुराने से पुराना मल भी साफ हो सकता है। इसका सेवन करने से आंतों की सूजन कंट्रोल रहती है।
बेलपत्र के सेहत के लिए फायदे
आयुर्वेद के मुताबिक अगर इन पत्तों का सेवन रोज करें तो ये पत्ते ब्लड शुगर से लेकर ब्लड प्रेशर तक को कंट्रोल कर सकते हैं। इन पत्तों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कंट्रोल रहता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। बेलपत्र का सेवन करने के लिए आप इन पत्तों को धोकर सुखा लें और उसका पाउडर बनाकर उसका सेवन करें। ये पाउडर भगवान का वरदान है जिसे प्रसाद समझ कर उसका सेवन हर दिन करें। आप इन पत्तों का काढ़ा बनाकर खा सकते हैं बीपी नॉर्मल रहेगा। आप बेलपत्र का रस 5-10 ml निकालकर भी ले सकते हैं। बेल पत्र का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ भी कर सकते हैं।
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