जोड़ों की तकलीफ यानी अर्थराइटिस आज दुनिया की सबसे आम लेकिन जटिल बीमारियों में से एक है। यह बीमारी लाइलाज मानी जाती है, लेकिन जल्दी पहचान और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। ड्यूक यूनिवर्सिटी की एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है—गठिया के लक्षण तीन साल पहले ही शरीर में नजर आने लगते हैं, जबकि बीमारी का निदान बाद में होता है।
रिसर्च में क्या निकला?ड्यूक यूनिवर्सिटी में 200 महिलाओं पर की गई स्टडी में यह पाया गया कि:
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जिन महिलाओं को बाद में गठिया हुआ, उनके हड्डियों में बदलाव 8 साल पहले ही दिखने लगे थे
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प्रोफेसर वर्जीनिया (मेडिसिन विभाग, ड्यूक यूनिवर्सिटी) के अनुसार, “गठिया हमारे सोचने से कहीं पहले ही शरीर को प्रभावित करने लगता है”
यदि आपको यह लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए:
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उठते-बैठते समय घुटनों या जोड़ों में दर्द
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हल्की सूजन या जकड़न
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सुबह उठने पर जोड़ों में अकड़न
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थकान या कमजोरी, खासकर पैरों में
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भारत में 6.35 करोड़ लोग गठिया से पीड़ित (WHO रिपोर्ट)
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अमेरिका में हर चौथा व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में
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दुनिया भर में 50 करोड़ से ज्यादा मरीज
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गठिया के मरीजों में 60% महिलाएं और 73% लोग 55+ उम्र वाले
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गलत लाइफस्टाइल और मोटापा
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चोटों की अनदेखी
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पारिवारिक इतिहास (जेनेटिक कारण)
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शारीरिक सक्रियता की कमी
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ऑस्टियोआर्थराइटिस दुनिया में सबसे सामान्य गठिया है
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इसी कारण घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में भी तेजी आई है
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गठिया के 100 से अधिक प्रकार हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस सबसे प्रमुख
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गठिया से पीड़ित अधिकतर महिलाएं रजोनिवृत्ति के बाद जोड़ों की समस्याओं से जूझती हैं
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हार्मोनल बदलाव और हड्डियों की कमजोरी इसके प्रमुख कारण हैं
इस स्टडी से अब उम्मीद है कि:
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गठिया की जल्दी पहचान के लिए नए बायोमार्कर्स खोजे जा सकेंगे
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बीमारी की रोकथाम और इलाज के नए तरीके विकसित होंगे
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मरीजों को समय रहते जीवनशैली सुधारने का मौका मिलेगा
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