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एक प्रसिद्ध अभिनेत्री ने अपनी बेटी की मृत्यु के लिए प्रार्थना की; वह अंतिम समय में अपनी बेटी से मिलने भी नहीं गयी, आखिर क्या हुआ?

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70 के दशक की हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी ने ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘अनाड़ी’, ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ और ‘प्यासा सावन’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। मौसमी हमेशा से ही अपने फिल्मी करियर के साथ-साथ निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रही हैं। आज मौसमी का जन्मदिन है। उनके जन्मदिन के अवसर पर आइए जानें उनके निजी जीवन के बारे में।

 

मौसमी चटर्जी का जन्म 26 अप्रैल 1976 को हुआ था और कल वह अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं। मौसमी के जन्मदिन के अवसर पर आइए उनकी निजी जिंदगी से जुड़े एक किस्से पर नजर डालते हैं। मौसमी के दामाद ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह अपनी बेटी को आखिरी बार देखने भी नहीं आये। वहीं, मौसमी ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह अपनी बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही हैं। मौसमी की बेटी पायल की मौत के बाद मौसमी का काफी समय तक इंतजार किया गया। लेकिन वे कभी नहीं आए और कहा जाता है कि लड़की का अंतिम संस्कार उसकी अनुपस्थिति में ही कर दिया गया। मौसमी चटर्जी ने ‘लहरें रेट्रो’ को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि एक बार उन्होंने भगवान से अपनी बेटी की मौत के लिए प्रार्थना की थी।

 

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में मौसमी चटर्जी ने कहा कि उन्होंने (पायल) अपनी जिंदगी में बहुत बड़ी गलती की थी, जिसका खामियाजा उन्हें जिंदगी भर भुगतना पड़ा। इसलिए हमारे पूरे परिवार को इससे पीड़ित होना पड़ा। मेरी बेटी 2017 में कोमा में चली गई थी। वह समय-समय पर कोमा से बाहर आती रही। लेकिन हमें बिना किसी शर्त के उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई। हमें पुलिस और अदालत जाना पड़ा। मुझे भी भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी कि वह उसे ले जाएं। मैं उसे दर्द में नहीं देख सकता था. हमें एक दिन अपना शरीर छोड़ना ही होगा, तो फिर दर्द सहने का क्या मतलब है? यदि आप अपनी आत्मा से प्रेम करते हैं, तो आप कहेंगे, ‘मुझे जाने दो।’ मौसमी ने यही कहा।

 

मौसमी चटर्जी की सबसे बड़ी बेटी पायल की शादी उद्योगपति डिकी सिन्हा से हुई थी। मौसमी चटर्जी और डिकी का परिवार व्यापारिक साझेदार थे। कुछ समय बाद व्यापारिक मतभेदों के कारण दोनों परिवारों के बीच दरार आ गई। इस दौरान मौसमी चटर्जी की बेटी पायल कोमा में चली गईं। 2018 में लेक पायल के इलाज के दौरान मौसमी चटर्जी ने अपने दामाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह उनकी देखभाल नहीं कर रहे हैं और न ही उनके इलाज का खर्च उठा रहे हैं। मौसमी के आरोपों के जवाब में डिकी सिन्हा ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और केस जीत लिया। इसके बाद से दोनों परिवारों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि जब 30 महीने तक कोमा में रहने के बाद 2019 में पायल की मौत हो गई तो मौसमी उसे आखिरी बार देखने भी नहीं गईं। इस बारे में डिकी ने कहा था कि सभी लोग उनके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह नहीं आईं, हालांकि उनकी बेटी और पति अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

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