आयुर्वेदिक काढ़ा गले की खराश के लिए: बरसात के मौसम में बार-बार सर्दी-खांसी होना आम बात है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण सर्दी-खांसी और गले की समस्या हो जाती है। सर्दी-खांसी एक आम समस्या है लेकिन जब गले में दिक्कत होती है तो खाने-पीने में भी दिक्कत होती है। गले की खराश की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप इन आयुर्वेदिक चीजों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इस काढ़े को पीने से सर्दी-खांसी, गले की समस्या, बंद नाक जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं।अदरक और तुलसीअदरक और तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश और बंद नाक में आराम मिलता है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की सूजन को कम करते हैं और तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इसे बनाने के लिए एक गिलास पानी में अदरक का एक टुकड़ा और चार-पांच तुलसी के पत्ते उबालें। पानी में उबाल आने के बाद, गैस बंद कर दें और उसमें शहद मिलाकर पानी पी लें। दिन में दो बार यह काढ़ा बनाकर पीने से गले को आराम मिलता है और नाक खुल जाती है।दालचीनी और लौंग का अर्कदालचीनी और लौंग का अर्क भी सर्दी-खांसी से राहत दिलाता है। दालचीनी में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो गले के संक्रमण को ठीक करते हैं। इसे बनाने के लिए, एक गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर और दो से तीन लौंग डालकर पाँच मिनट तक उबालें। पानी में उबाल आने के बाद, गैस बंद कर दें, इसे छान लें और इसमें शहद मिलाकर पी लें।हल्दी और काली मिर्च का काढ़ाहल्दी एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है जो गले की खराश और सूजन को कम करने में मदद करती है। काली मिर्च बंद नाक को खोलने में मदद करती है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह उबाल लें। पानी उबलने के बाद, गैस बंद कर दें और गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें। रात को सोने से पहले हल्दी वाला पानी पीना ज़्यादा फायदेमंद होता है।मुलेठी का अर्कमुलेठी गले की समस्याओं में आराम पहुँचाती है। एक गिलास पानी में मुलेठी की जड़ें डालकर अच्छी तरह उबालें। इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएँ और पानी गुनगुना होने पर धीरे-धीरे पिएँ। इससे सर्दी-ज़ुकाम से राहत मिलेगी।
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