प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने यूक्रेन युद्ध में मदद के लिए पुतिन को हथियार और सैनिक भेजे हैं। लेकिन रूस को अब मजदूरों की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, उत्तर कोरिया ने भी रूस में अपने श्रमिक भेजने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा, ये मजदूर कम वेतन में भी खुश हैं। इसलिए, वे यूक्रेनी युद्ध में आवश्यक श्रम कार्यों पर खुशी से काम कर रहे हैं, जैसे खाइयां खोदना, मिट्टी और पत्थर की बाधाएं बनाना आदि।
मैकिंडर के सिद्धांत को याद करते हुए विश्लेषक कहते हैं, ‘वास्तव में दुनिया इस समय दो भागों में बंट रही है।’ एक तरफ पर। चीन से शुरू करें तो दूसरी ओर उत्तर कोरिया, रूस और ईरान जैसी स्थलीय शक्तियां हैं, तथा अमेरिका के नेतृत्व में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और इटली जैसी समुद्री शक्तियां हैं, जबकि अन्य विश्लेषक हमें 11वीं शताब्दी में शुरू हुए ‘धार्मिक युद्धों’ के साथ-साथ इजरायल और अरबों (फिलिस्तीनियों) के बीच हुए युद्धों की याद दिलाते हैं। ईरान, हौथी आदि के भी हमास में शामिल हो जाने से, धार्मिक युद्धों के समान स्थिति उत्पन्न हो रही है, जब एक तरफ ईसाई और दूसरी तरफ इस्लामवादी थे। इस प्रकार, ऐसा प्रतीत होता है कि विश्व दो नहीं, बल्कि चार भागों में विभाजित हो रहा है।
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