लाइव हिंदी खबर :- मां सरस्वती, जो कला और विद्या की देवी मानी जाती हैं, के चार भुजाएं हैं। उनके दो हाथों में वीणा है, एक हाथ में माला और एक हाथ में वेद है। देवी सफेद कमल पर विराजमान होती हैं। कहा जाता है कि मां सरस्वती ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद देती हैं। पुराणों के अनुसार, उनका प्राकट्य बसंत पंचमी के दिन हुआ था। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में मां सरस्वती के जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है, जहां लोग विद्या और कला के लिए उनकी पूजा करते हैं।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के लिए मंत्रों का जाप करें:
1. ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरितोय हाथ जोड़ अर्जी करूं विद्या वर दे मोय।
2. या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
3. या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता।
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना।।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा।।1।।
4. विद्या हासिल करने के लिए सरस्वती मंत्र:
घंटाशूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनु: सायकं हस्ताब्जैर्दघतीं धनान्तविलसच्छीतांशु तुल्यप्रभाम्।
गौरीदेहसमुद्भवा त्रिनयनामांधारभूतां महापूर्वामत्र सरस्वती मनुमजे शुम्भादि दैत्यार्दिनीम्।।
5. विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।
6. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।
7. शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू।
8. श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
9. शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमां आद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा पुस्तक धारिणीं अभयदां जाड्यान्धकारापाहां|
हस्ते स्फाटिक मालीकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदां||
10. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।
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