सूर्य ग्रहण का महत्व
ग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
- खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहणों का विशेष महत्व होता है। 29 मार्च को चैत्र अमावस्या के दिन पहला आंशिक सूर्य ग्रहण हुआ था, जो भारत में दिखाई नहीं दिया और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं था। अब, साल 2025 में दूसरा सूर्य ग्रहण सितंबर में होने वाला है।
ग्रहण की तिथि और समय
ज्योतिष के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को अमावस्या के दिन होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो रात 11 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे तक चलेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, यह ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागरों में देखा जा सकेगा।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
ग्रहण के सूतक काल में:
- पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।
- घर के पूजा स्थान को पर्दे से ढक दें।
- इस दौरान खाना-पीना नहीं करना चाहिए।
- खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।
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