हरियाणा में मौसम की मार से फसलें प्रभावित, मंडियों में गेहूं भीग गया: हरियाणा के किसान इस समय मौसम की दोहरी समस्या का सामना कर रहे हैं। शुक्रवार को आई तेज आंधी और बारिश ने 130 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया, जबकि मंडियों में खुले में रखा लगभग 10 लाख टन गेहूं भीग गया। मौसम विभाग ने शनिवार को भी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन की लापरवाही ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आइए, इस संकट की पूरी जानकारी लेते हैं।
आंधी और आग से फसल का नुकसान
शुक्रवार को हरियाणा के कई जिलों में मौसम ने अचानक करवट ली। तेज आंधी के साथ चिंगारी और बिजली के तारों में शॉर्ट-सर्किट के कारण छह से अधिक जिलों में खेतों में आग लग गई। हिसार, भिवानी और अन्य क्षेत्रों में 130 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। किसानों ने अपनी मेहनत से उगाई फसल को आंखों के सामने बर्बाद होते देखा। दिन में हिसार के बालसमंद में तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो प्रदेश में सबसे अधिक था। इसके बाद शाम को 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी ने तबाही मचा दी।
मंडियों में गेहूं का नुकसान
मौसम की मार यहीं नहीं रुकी। मंडियों में खुले में रखा लगभग 10 लाख टन गेहूं बारिश में भीग गया। प्रशासन की ओर से गेहूं को ढकने या सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम न होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ। मंडियों में गेहूं की खरीद और भंडारण की धीमी प्रक्रिया ने भी किसानों की परेशानी बढ़ाई। भीगा गेहूं अब गुणवत्ता खो सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का डर सता रहा है।
शनिवार को बारिश की आशंका
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शनिवार को भी उत्तर हरियाणा में बारिश की संभावना है। यह खबर किसानों के लिए और चिंता लेकर आई है, क्योंकि खेतों में बची फसल और मंडियों में रखा गेहूं और नुकसान झेल सकता है। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश की आशंका जताई थी, लेकिन प्रशासन की ओर से समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। किसानों का कहना है कि अगर मंडियों में गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल और भंडारण की व्यवस्था होती, तो यह नुकसान टाला जा सकता था।
किसानों की चिंता बढ़ी
हरियाणा के किसान पहले ही खेती की बढ़ती लागत और अनिश्चित मौसम से जूझ रहे हैं। इस आपदा ने उनकी कमर तोड़ दी है। खेतों में आग और मंडियों में भीगा गेहूं किसानों के लिए दोहरी मार साबित हुआ है। कई किसानों ने कर्ज लेकर फसल उगाई थी, और अब इस नुकसान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। किसान सरकार से तत्काल मुआवजे और मंडियों में बेहतर प्रबंधन की मांग कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन के लिए सुझाव
किसानों की इस मुश्किल घड़ी में सरकार और प्रशासन को तुरंत कदम उठाने होंगे। मंडियों में गेहूं को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल, अस्थायी शेड, और तेजी से भंडारण की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही, फसल नुकसान का आकलन कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए मौसम चेतावनी पर त्वरित कार्रवाई और बेहतर योजना जरूरी है।
किसानों के लिए सलाह
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने भीगे गेहूं को जल्द से जल्द सुखाने की कोशिश करें ताकि गुणवत्ता में और कमी न आए। स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क कर नुकसान का आकलन करवाएं और मुआवजे के लिए आवेदन करें। अगर मंडी में गेहूं रखा है, तो प्रशासन से तिरपाल या भंडारण की मांग करें। मौसम की ताजा जानकारी के लिए स्थानीय मौसम विभाग की वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें।
हरियाणा के किसानों का संकट
यह मौसम की मार हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ा झटका है। सरकार और प्रशासन को अब किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है। समय पर सहायता और बेहतर प्रबंधन से ही किसानों का भरोसा बहाल किया जा सकता है। यह आपदा न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि किसानों की मेहनत और उम्मीदों पर भी चोट है।
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