लाइव हिंदी खबर :-राम भक्त हनुमान को संकटमोचन के नाम से जाना जाता है। उनका नाम लेने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। बजरंगी की कई लीलाएं हैं जो प्रेरणा देती हैं। उन्होंने प्रभु राम की सेवा में अपने जीवन का बलिदान दिया और उनके हर आदेश का पालन किया, जिससे वे महाबली हनुमान बने। आज हम हनुमान जी के वंदन से सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं। आइए, हम आपको उनके कुछ अनजाने पहलुओं के बारे में बताते हैं।
महादेव का अवतार
अंजनी के पुत्र बजरंगी को भगवान महादेव का अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि वे अपनी माता के श्राप को समाप्त करने के लिए जन्मे थे। उनके 108 नाम हैं, जो उनके जीवन के विभिन्न अध्यायों का सार प्रस्तुत करते हैं।
हनुमान का नामकरण
बजरंगी का नाम हनुमान उनकी ठोड़ी के आकार के कारण पड़ा। संस्कृत में हनुमान का अर्थ बिगड़ी हुई ठोड़ी है, इसी कारण उनका नाम हनुमान रखा गया।
सिंदूर चढ़ाने की परंपरा
हनुमान जी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं। हनुमान जी ने पूछा कि यह लाल द्रव्य क्या है। सीता जी ने बताया कि इससे प्रभु दीर्घायु होते हैं। यह सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। तभी से बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
भगवान राम की सजा
एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र ने हनुमान जी से नाराज होकर उन्हें मौत की सजा देने को कहा। भगवान राम ने ऐसा किया, लेकिन हनुमान जी ने राम नाम जपते हुए सभी प्रहारों को विफल कर दिया।
रामायण का लेखन
लंका कांड के दौरान, हनुमान जी ने हिमालय में जाकर पहाड़ों पर अपने नाखूनों से रामायण लिखना शुरू किया। जब वाल्मीकि जी को इसका पता चला, तो वे वहां गए और हनुमान द्वारा लिखी गई रामायण पढ़ी।
मकरध्वज: हनुमान का पुत्र
हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका एक बेटा भी था, जिसका नाम मकरध्वज था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, अहिरावण ने राम और लक्ष्मण को कैद कर लिया था। हनुमान उन्हें मुक्त करने पाताल लोक पहुंचे, जहां उन्हें एक जीव मिला, जो आधा वानर और आधा मछली था और उसने खुद को हनुमान जी का बेटा बताया।
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