चंडीगढ़ में मई की बारिश ने इतिहास रच दिया है, 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा: इस बार मई में चंडीगढ़ और हरियाणा में मौसम ने सभी को चौंका दिया। मई 2025 में हुई बारिश ने 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस महीने में 59.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 20.4 मिलीमीटर से 193% अधिक है। इससे पहले 2008 में 72.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। आइए, जानते हैं कि इस अद्भुत मौसम ने क्या किया और भविष्य में मौसम का मिजाज कैसा रहेगा।
चंडीगढ़ का मौसम: पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
मई में बारिश का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ रहा। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार लगातार आए पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता ने मौसम को पूरी तरह बदल दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाओं ने बारिश को बढ़ावा दिया। चक्रवाती और प्रति-चक्रवाती हवाओं ने मौसम को और भी रोमांचक बना दिया। चंडीगढ़ में गर्मी से परेशान लोग इस बारिश से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन किसानों के लिए यह मिश्रित अनुभव रहा। कुछ क्षेत्रों में फसलों को लाभ हुआ, जबकि कई जगहों पर अधिक बारिश ने नुकसान भी पहुंचाया।
पानीपत में बारिश ने बनाया नया रिकॉर्ड
हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बारिश ने अलग-अलग प्रभाव डाले। पानीपत में मई की बारिश ने सभी को चौंका दिया, जहां सामान्य से 703% अधिक यानी 117.2 मिलीमीटर बारिश हुई। कुरुक्षेत्र में 564%, झज्जर में 501%, और चरखी दादरी में 260% अधिक बारिश हुई। दूसरी ओर, भिवानी में केवल 17.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 11% कम है। रोहतक, सिरसा, और कैथल में भी बारिश ने सामान्य से कहीं अधिक आंकड़े छुए। यह बारिश प्री-मानसून सीजन का हिस्सा है, जो मार्च से मई तक चलता है। इस दौरान 75.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 44.6 मिलीमीटर से 68% अधिक है।
मानसून की संभावनाएं और भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि हरियाणा में मानसून जून के तीसरे हफ्ते में दस्तक दे सकता है। इस बार मानसून के सामान्य से अधिक सक्रिय होने की संभावना है। मई की बारिश ने पहले ही प्री-मानसून सीजन को यादगार बना दिया है। मार्च और अप्रैल में कम बारिश के बाद, मई ने दोनों महीनों का कोटा पूरा कर दिया। यह बारिश न केवल मौसम को ठंडा रखने में मददगार रही, बल्कि जल स्तर को भी बढ़ाने में सहायक रही। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों को परेशान किया।
आने वाले दिनों का मौसम
चंडीगढ़ मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं। 4 जून से मौसम शुष्क होने की संभावना है, और तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। गर्मी फिर से लौट सकती है, इसलिए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी किसानों और आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी योजनाएं बना सकें।
बारिश का प्रभाव और भविष्य की तैयारी
मई की इस ऐतिहासिक बारिश ने चंडीगढ़ और हरियाणा में कई बदलाव लाए हैं। जहां यह बारिश जल संरक्षण और खेती के लिए फायदेमंद रही, वहीं कुछ इलाकों में जलभराव ने समस्याएं खड़ी कीं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के ऐसे अनिश्चित बदलाव अब आम हो सकते हैं। लोगों को मौसम की जानकारी पर नजर रखने और आपदा प्रबंधन की तैयारी करने की जरूरत है। आने वाले मानसून के साथ और बारिश की संभावना है, जिसके लिए प्रशासन को भी तैयार रहना होगा।
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