इंटरनेट डेस्क। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगलवार को घोषणा की कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को मनुस्मृति का अपमान करने के कारण हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया गया है। धार्मिक नेता ने कहा कि मनुस्मृति सनातन धर्म की नींव है और राहुल गांधी ने लोकसभा की कार्यवाही में इसके बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शंकराचार्य ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस नेता को माफी मांगने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब
ज्योतिर्पीठ बद्रीनाथ धाम के शंकराचार्य ने कनखल स्थित अपने मठ में घोषणा की कि राहुल गांधी को शंकराचार्य मठ ने औपचारिक रूप से हिंदू धर्म से बाहर कर दिया है। शंकराचार्य ने कहा कि शंकराचार्य मठ ने उन्हें इस संबंध में नोटिस भी दिया था, लेकिन उन्होंने न तो इसके लिए माफी मांगी और न ही नोटिस का कोई जवाब दिया। इसलिए शंकराचार्य मठ ने उन्हें औपचारिक रूप से हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया है।
मनुस्मृति पर टिप्पणी राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में संसद सत्र के दौरान की थी। राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि वे भारत के संविधान का नहीं बल्कि मनुस्मृति का पालन करते हैं। सरकार पर तीखे हमले में उन्होंने हाथरस की अपनी यात्रा का जिक्र किया, जहां उन्होंने कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी। राहुल गांधी गांधी ने कहा, "अपराधी घूम रहे हैं और लड़की का परिवार घर में कैद है। संविधान में कहां लिखा है कि अपराधी खुलेआम घूमेंगे? यह आपकी किताब मनुस्मृति में लिखा है।
PC : Jansatta
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