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भारत की इस नदी में कभी बहा था हजारों जानवारों का खून, वीडियो में जानिए आज भी क्यों शापित माना जाता है इसका जल ?

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नदियां लोगों के जीवन में अहम भूमिका निभाती हैं। कई गांव आज भी इन नदियों के पानी पर जिंदा हैं। हमारे भारत में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। लोग इन्हें पवित्र मानकर पूजते हैं। लेकिन यहां एक नदी ऐसी भी है, जिसे लोग शापित कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस नदी की उत्पत्ति जानवरों के खून से हुई है। वहीं कुछ कहानियां बताती हैं कि इस नदी को राजा रंतिदेव ने जानवरों की बलि देकर उनके खून से भर दिया था। यह नदी कहीं और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चंबल में बहती है, जिसे चंबल नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी भारत में काफी मशहूर है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कहानियों के बारे में।


खून से लाल हो गई थी नदी-

भारत की यह नदी सदियों पुरानी है। कहा जाता है कि एक बार यहां के राजा ने बड़ी संख्या में जानवरों की बलि दी और सारा खून इस नदी में बहा दिया। उस समय यह नदी खून से लाल हो गई थी। हालांकि, तब लोग इस नदी के पानी का इस्तेमाल करने से बचते थे, लेकिन आज पूरा गांव इसी पानी से अपना जीवन जी रहा है। 

नदी को मिला था द्रौपदी का श्राप-
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस नदी को द्रौपदी का श्राप मिला था। इसीलिए इसे भारत की पवित्र नदियों में शामिल नहीं किया जाता। भले ही आज लोग इस नदी का पानी पीते हों, लेकिन इसकी पूजा कोई नहीं करता।

बागियों की नदी-
क्या आप जानते हैं कि इस नदी को बागियों की नदी कहा जाता है। लोगों का कहना है कि जो भी इस नदी का पानी पी लेता है, वह बागी बन जाता है। आपको बता दें कि चंबल को डाकुओं का इलाका कहा जाता है। इसीलिए आज भी लोग चंबल नदी का नाम सुनते ही डर जाते हैं।

घड़ियालों और मगरमच्छों का घर है चंबल नदी-
चंबल एक बहुत बड़ी नदी है। इसमें आज भी घड़ियाल और मगरमच्छ देखे जाते हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि नदी भले ही पवित्र न हो, लेकिन इसका पानी बहुत स्वास्थ्यवर्धक है। यह देश की प्रदूषित नदियों जैसे गंगा से बिल्कुल अलग है।

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