चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। नदी में हो रही पानी की आवक को लेकर स्थानीय प्रशासन में चिंताएं बढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र और धौलपुर जिले में हो रही भारी बारिश के कारण नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मचलने लगा है।
सोमवार को कोटा बैराज से करीब दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी का जलस्तर 130.35 मीटर तक पहुंच गया। यह जलस्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से मात्र कुछ सेंटीमीटर नीचे है, जिससे यह स्थिति अत्यधिक संवेदनशील हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो जलस्तर और भी बढ़ सकता है और नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्थानीय प्रशासन ने नदी के किनारे स्थित गांवों और नगरों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। नदी के आस-पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, जबकि प्रशासन ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है।
इस बीच, धौलपुर जिले के स्थानीय अधिकारी भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं। कई गांवों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। नदी के किनारे स्थित फसलें और खेत भी बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्सों में इस मौसम में भारी बारिश जारी है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। प्रशासन और राहत एजेंसियों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों को बढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर से क्षेत्र के निवासियों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार बारिश के और तेज होने की संभावना है, जिससे नदी का जलस्तर और भी बढ़ सकता है। प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
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