मध्य प्रदेश सरकार ने पहली बार किसानों से कोदो और कुटकी जैसी पारंपरिक फसलों की खरीद की योजना की शुरुआत की है। यह पहल राज्य में किसानों को बेहतर मूल्य और बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है। इसकी शुरुआत जबलपुर जिले के कुंडम तहसील से हो रही है।
पंजीकरण प्रक्रिया शुरूसरकार ने 15 सितंबर से किसानों का पंजीकरण शुरू कर दिया है। किसान अपनी फसल बेचने के लिए निर्धारित केंद्रों पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि पंजीकरण के बाद ही किसानों को फसल बेचने की अनुमति और उचित मूल्य की गारंटी दी जाएगी।
कुंडम तहसील में कोदो-कुटकी की खेतीकुंडम तहसील में लगभग सात हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने कोदो-कुटकी की खेती की है। यह क्षेत्र पारंपरिक फसलों के लिए जाना जाता है और स्थानीय किसान वर्षों से इन अनाजों की खेती कर रहे हैं। कोदो और कुटकी का उपयोग पोषण और स्थानीय व्यंजनों में व्यापक रूप से होता है, इसलिए इनकी मांग हमेशा बनी रहती है।
सरकार की पहल का उद्देश्यमध्य प्रदेश सरकार की इस योजना का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना और उन्हें मंडी या बाजार के झंझट से बचाना है। इसके अलावा, सरकार का लक्ष्य पोषण युक्त अनाजों की उत्पादन और खपत को बढ़ावा देना भी है। अधिकारियों का कहना है कि यह योजना किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में मददगार साबित होगी।
खरीद और मूल्य निर्धारणसरकार द्वारा खरीदी जाने वाली फसल का मूल्य तय होगा और किसानों को समय पर भुगतान किया जाएगा। यह कदम किसानों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा, खरीदी गई फसल का संग्रहण और वितरण भी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा।
किसानों की प्रतिक्रियाकिसान इस पहल को स्वागत योग्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि लंबे समय से कोदो-कुटकी जैसी पारंपरिक फसलों की खरीदी नहीं होती थी, जिससे उन्हें बाजार में उचित मूल्य नहीं मिलता था। अब सरकार की पहल से उन्हें अपनी मेहनत का उचित लाभ मिलेगा।
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