बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन थाना क्षेत्र से कानून-व्यवस्था को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। जहां घरेलू विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया गया। हमले का शिकार बनी महिला कांस्टेबल नेहा कुमारी ने बताया कि आरोपी महिला ने कपड़े फाड़ दिए, मारपीट की, और दांत से काटकर घायल कर दिया। यह घटना पुलिस बल पर आम जनता के हमले की बढ़ती प्रवृत्ति की तरफ इशारा करती है, जो कानून की गरिमा को ठेस पहुंचाती है।
क्या है पूरा मामला?घटना पटना जिले के पुनपुन बाजार स्थित कलाबगान इलाके की है। पुनपुन थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक घर में तेज झगड़ा हो रहा है। सूचना मिलते ही महिला कांस्टेबल नेहा कुमारी सहित अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचने पर देखा गया कि डिंपल कुमारी, जो बाजार निवासी राहुल कुमार की पत्नी है, वह एक पुरुष के साथ मारपीट कर रही थी। पुलिस ने जब मामले में हस्तक्षेप किया और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया, तो डिंपल ने महिला कांस्टेबल के साथ बदसलूकी शुरू कर दी।
महिला कांस्टेबल के कपड़े फाड़े, दांत से काटाआरोप है कि डिंपल कुमारी ने महिला कांस्टेबल के कपड़े फाड़ दिए और मारपीट करते हुए दांत से काट लिया। इससे नेहा कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गईं। इतना ही नहीं, डिंपल ने अन्य पुलिसकर्मियों पर भी हमला कर दिया, जो बीच-बचाव करने आए थे। पुलिस को संभलने का मौका भी नहीं मिला, और आरोपी महिला वहां से भागने में सफल रही। इस घटना के बाद महिला कांस्टेबल ने पुनपुन थाना में FIR दर्ज कराई, जिसमें डिंपल कुमारी को नामजद आरोपी बनाया गया है।
क्या कहा थाना प्रभारी ने?पुनपुन थाना प्रभारी ने बताया कि डिंपल का अपने पति राहुल कुमार के साथ घरेलू विवाद चल रहा है। उसी विवाद के चलते झगड़ा हुआ और बात हिंसा और पुलिस पर हमले तक पहुंच गई। उन्होंने कहा कि डिंपल कुमारी ने न सिर्फ महिला कांस्टेबल को चोट पहुंचाई, बल्कि कानून के रखवालों पर हमला कर एक गंभीर अपराध किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी महिला फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। बहुत जल्द उसे गिरफ्तार कर कानून के कटघरे में लाया जाएगा।
कानूनी पहलू: क्यों गंभीर है यह मामला?-
IPC की धारा 353 के तहत कोई भी व्यक्ति जो ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारी पर हमला करता है, उसे कठोर सजा का प्रावधान है।
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धारा 332 और 333 के अंतर्गत पुलिसकर्मी को चोट पहुंचाने पर गंभीर गैर-जमानती अपराध माना जाता है।
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इसके अतिरिक्त, महिला पुलिसकर्मी के साथ अभद्रता और कपड़े फाड़ने का मामला भी महिला सुरक्षा कानूनों के तहत दंडनीय है।
यह घटना केवल एक झगड़े की नहीं, बल्कि उस अराजक मानसिकता की बानगी है जो कानून और पुलिस को चुनौती देने लगी है। अगर वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है। खासकर जब किसी महिला पुलिसकर्मी के साथ इस तरह की अशोभनीय और हिंसात्मक हरकत होती है, तो यह सामाजिक गिरावट और प्रशासनिक चुनौती दोनों दर्शाता है।
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