राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि अद्भुत रहस्यों और चमत्कारों का एक जीवंत स्थल भी है। इस मंदिर की प्रसिद्धि विशेष रूप से भूत-प्रेत बाधा, ऊपरी साया, टोटकों और मानसिक रोगों से मुक्ति के लिए होती है। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल श्री हनुमान जी की आराधना करते हैं, बल्कि एक ऐसे शक्तिशाली देवता की भी शरण लेते हैं जिनके नाम से ही बुरी शक्तियां थर-थर कांपती हैं—प्रेतराज सरकार।
कौन हैं प्रेतराज सरकार?
प्रेतराज सरकार को बालाजी मंदिर में अदृश्य न्यायाधीश के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये उन प्रेतों, भूतों, पिशाचों और आत्माओं के राजा हैं जो अधर में भटक रही हैं या जिन्हें मुक्ति नहीं मिली। प्रेतराज सरकार को भगवान यमराज और भगवान भैरव के स्वरूप का मिश्रण भी माना जाता है। मंदिर में बालाजी महाराज (हनुमान जी), भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार की त्रिमूर्ति एक साथ पूजी जाती है, जो भक्तों को अदृश्य और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है।
मंदिर में प्रेतराज सरकार की क्या भूमिका है?
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जिस तरह से पूजा और उपचार किए जाते हैं, उसमें प्रेतराज सरकार की एक विशेष भूमिका है। जब किसी व्यक्ति पर भूत-प्रेत या किसी आत्मा का साया होता है, तो यहां की धार्मिक प्रक्रियाओं के माध्यम से उसे बालाजी और प्रेतराज सरकार की अदालत में प्रस्तुत किया जाता है।धार्मिक भाषा में कहा जाए तो यह "अदृश्य न्यायालय" है जहाँ बुरी आत्मा या प्रेत को आदेश दिया जाता है कि वह पीड़ित शरीर को तुरंत छोड़ दे और वापस अपने स्थान को लौट जाए। कई बार तो लोग अपने आप कांपने लगते हैं, चिल्लाते हैं या गिर जाते हैं — यह संकेत होता है कि शरीर में उपस्थित शक्ति अब बाहर निकल रही है।
क्यों कांपते हैं भूत-पिशाच?
भक्तों और पुजारियों के अनुसार, प्रेतराज सरकार के आदेश को टालना किसी भी आत्मा या बुरी शक्ति के लिए असंभव होता है। जैसे ही बालाजी की आरती या विशेष मंत्रोच्चार होता है, वैसे ही प्रेत आत्माएं डर के मारे शरीर से बाहर निकलने लगती हैं।यह दृश्य मंदिर परिसर में आम तौर पर देखा जा सकता है, जब आरती के समय कुछ लोग जोर-जोर से चिल्लाते हैं, बेहोश हो जाते हैं या किसी अदृश्य शक्ति से जूझते हुए नज़र आते हैं। यह सब प्रेतराज सरकार की शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण माना जाता है।
प्रेतराज सरकार की विशेष पूजा कैसे होती है?
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रेतराज सरकार की पूजा बहुत विशेष नियमों के अनुसार की जाती है। यहाँ पर तीन मुख्य चौकियां होती हैं:
बालाजी दरबार
कोटवाल भैरव जी
प्रेतराज सरकार की अदालत
श्रद्धालु सबसे पहले बालाजी के दर्शन करते हैं, फिर भैरव बाबा के पास जाते हैं और अंत में प्रेतराज सरकार की चौकी पर आकर अपनी समस्याएं बताते हैं। बहुत से लोग एक पर्ची पर अपने कष्ट लिखते हैं और इसे मंदिर में जमा कर देते हैं। माना जाता है कि यह आवेदन प्रेतराज सरकार तक पहुंचता है और न्याय मिलता है।
किन समस्याओं में ली जाती है प्रेतराज सरकार की शरण?
ऊपरी बाधाएं
काले जादू का प्रभाव
मानसिक अशांति या अचानक उत्पन्न भय
अनजानी बीमारियाँ जो मेडिकल रिपोर्ट में नहीं आतीं
बुरे सपने या आत्मा का प्रवेश
ऐसे मामलों में भक्त शुक्रवार और मंगलवार को मंदिर जाकर विशेष पूजा करते हैं और प्रसाद (भूने हुए चने और गुड़) अर्पित करते हैं। कोई भी तामसिक भोजन, प्याज-लहसुन या मासांहार यहां सख्त वर्जित है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और श्रद्धा के बीच संतुलन
भले ही आधुनिक विज्ञान इन सब घटनाओं को मानसिक विकार कहकर टाल देता हो, लेकिन लाखों भक्तों की भावनाएं और उनके अनुभव इस बात का प्रमाण हैं कि मेहंदीपुर बालाजी और प्रेतराज सरकार की कृपा से उन्हें वास्तविक लाभ हुआ है। बहुत से लोग वर्षों से चली आ रही परेशानियों से यहां आकर मुक्त हुए हैं।
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