वाराणसी,24 जून (Udaipur Kiran) । चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू, के ट्रामा सेंटर परिसर स्थित बोन मैरो ट्रांसप्लांट एवं स्टेम सेल रिसर्च सेंटर में अब वयस्कों का अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) की चिकित्सा सुविधा शुरू हो गई है। यह सुविधा पूर्वांचल सहित पूर्वी भारत के लिए जीवनरक्षक उपलब्धि है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार के अनुसार इस केंद्र पर पहला सफल वयस्क बोन मैरो ट्रांसप्लांट वाराणसी निवासिनी 53 वर्षीय एक महिला मरीज पर 05 जून 2025 को किया गया। महिला मल्टीपल मायलोमा नामक रक्त कैंसर से पीड़ित है। मरीज को प्रारंभ में कीमोथेरेपी दी गई, तत्पश्चात 5 जून को स्टेम सेल इन्फ्यूजन किया गया। लगभग दो सप्ताह बाद, मरीज का बोन मैरो इन्ग्राफ्टमेंट सफलतापूर्वक हुआ । महिला को 26 जून 2025 को पूर्णतः स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से डिस्चार्ज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब यह सुविधा नियमित रूप से उपलब्ध है और हर माह दो ट्रांसप्लांट किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस महत्वपूर्ण पहल से पूर्वाचल के साथ-साथ बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से आने वाले मरीजों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। इससे कैंसर जैसी बीमारी से लड़ना अब पहले से कहीं अधिक संभव और सुलभ हो सकेगा। बोने मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर के प्रभारी प्रो. (डॉ.) के के गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में मरीजों का इलाज हो रहा है। महिला के ट्रांसप्लांट को डॉ ललित प्रशांत मीना, विभागाध्यक्ष, जनरल मेडिसिन विभाग, डॉ निलेश कुमार, डॉ. नीरज धमेजा, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक मौर्य, डॉ श्रुति मिश्र ने सफलतापूर्वक किया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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