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मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए सुनिश्चित की जाए आवश्यक व्यवस्थाएं: संभागायुक्त दीपक सिंह

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– संभागायुक्त सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये निर्देश

इंदौर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । संभागायुक्त दीपक सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मानसून के सीजन में मौसम बीमारियों से बचाव और उनकी रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाकर‍ निश्चित समय सीमा में कार्य किये जाये। इस मौसम में जलजनित बीमारियां, डायरिया, डिसेंटरी, कॉलरा, उल्टी-दस्त, टायफाइड, वोमेटिंग डायरिया, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनियां आदि बीमारियों के मरीज बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। अत: इसके बचाव एवं रोकथाम हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं एवं उपाय सुनिश्चित किया जाये। जैसे जिलास्तर एवं ब्लॉक स्तरीय कॉम्बेट टीम को सक्रिय किया जाये। जलजनित एवं वैक्टरजनित बीमारियों के लक्षण वाले मरीजों की जानकारी प्रतिदिन ली जाये। जिला स्तर पर सीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्राम आरोग्य केन्द्र तक आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। पीने के पानी के जल स्त्रोतों जैसे – पानी की टंकी, नल, हैण्डपंप, कुएं आदि के पानी को उपयोग करने से पूर्व उसमें ब्लीचिंग पाउडर या क्लोरीन की गो‍‍लिया डालकर शुद्धिकरण कराया जाये। पीने के पानी को उबालकर ठंडा करके उपयोग किया जाये।

संभागायुक्त दीपक सिंह बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में मौसमी बीमारियों के रोकथाम के संबंध में संभागीय बैठक की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में संयुक्त आयुक्त विकास डी.एस.रणदा, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. शॉजी जोसेफ, उप संचालक डॉ. सोनिया शिल्पा लाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव हसानी, कीट विज्ञानी सी.एस. शर्मा, संभागीय समन्वयक मोनिका मण्डलोई सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि मलेरिया के रोकथाम हेतु प्रत्येक जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्राम आरोग्य केन्द्र में प्रत्येक रोगी की मलेरिया जांच अनिवार्य की जाये। डेंगू, चिकनगुनिया बीमारियों के बचाव हेतु ग्रामीण क्षेत्र में प्रति सप्ताह लार्वा सर्वे एवं विनष्टीकरण का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराया जाये। साथ ही डेंगू, चिकनगुनिया बीमारियों वाले मरीजों के ब्लड सेंपल की जांच फिर से करायी जाये। लक्षणों के आधार पर मरीजों का तत्काल उपचार कराया जाये। प्रत्येक जिला चिकित्सालय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया जाये।

उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की गति को बढ़ाया जाये। मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जाये। शिशु स्वास्थ्य टीकाकरण के कार्य को शत-प्रतिशत किया जाये। राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में गति लायी जाये। आयुष्मान भारत निरामय योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के आयुष्मान कार्ड प्राथमिकता के साथ बनाये जाये। संभागायुक्त ने अधिकारियों को कहा कि विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग शत-प्रतिशत की जाये। स्क्रीनिंग में कोई भी व्यक्ति नहीं छूटे। सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण निश्चित समयसीमा में किया जाये। अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाये, जिनको मोतियाबिंद या आँखों से संबंधित बीमारी है। संभाग में जो बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित है, उनके पोषण आहार की समुचित व्यवस्था की जाये।

संभागायुक्त सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य संबंधी विषयों को गंभीरता से लेते हुए, इसे संवेदनशीलता और प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाये। सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्य स्थल पर जाकर मॉनिटरिंग करें और उसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को सौंपे। सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्राम आरोग्य केन्द्र की निगरानी व्यवस्था को सुदृढ़ करें। अपने कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिका‍रियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्हें शौकाज नोटिस के साथ उनकी वेतन वृ‍द्धि भी रोकी जायेगी। बैठक में अधिकारियों ने भी अपने सुझाव रखें।

(Udaipur Kiran) तोमर

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