लखनऊ, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुँचाने के लक्ष्य के अंतर्गत ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम से औद्यानिक फसलों के क्षेत्रीय प्रोत्साहन के साथ-साथ उनके उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग एवं निर्यात को सशक्त बनाना है। उत्तर प्रदेश में विशिष्ट और उच्च मूल्य वाली फसलों की औद्यानिक खेती का रूझान बढ़ रहा है। विगत 06 से 07 वर्षों में फल एवं सब्जियों के अंतर्गत 3 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल एवं 211 लाख मी.टन से अधिक उत्पादन में वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति में बागवानी क्षेत्र की अहम भूमिका है।यह बातें शनिवार काे प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कही।
उन्हाेंने बताया कि ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप’ कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खण्डों में एग्रो क्लाइमेटिक जोन आधारित, प्रसंस्करण एवं निर्यात हेतु उपयुक्त हाई वैल्यू वाली विशिष्ट औद्यानिक फसल का चयन किया गया है। चयनित फसल के आधार पर उस क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों को फसल आधारित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इस पहल से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और राज्य की कृषि निर्यात क्षमता को मजबूती मिलेगी।
उद्यान मंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु 04 अगस्त से 08 अगस्त, 2025 तक प्रदेश में पर ब्लॉक वन क्रॉप सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान जनपद तथा विकास खण्डों पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इन गोष्ठियों की अध्यक्षता मंडलीय उप निदेशक उद्यान द्वारा की जाएगी। कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं अनुश्रवण हेतु राज्य स्तरीय कोआर्डिनेशन कमेटी गठित की गई है जो जनपदीय एवं मंडलीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित करेगी।
सिंह ने बताया कि गोष्ठियों में किसानों को चयनित फसलों के बारे में विभागीय योजनाओं, तकनीकी ज्ञान, प्रसंस्करण विधियों, गुणवत्ता मानकों, पैकेजिंग और निर्यात संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन