मंडी, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने अपने प्रमुख आउटरीच कार्यक्रम प्रयास 3.0 का समापन एक भव्य समापन समारोह के साथ किया। यह कार्यक्रम देशभर के स्कूल छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और तार्किक सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था । इस एक महीने लंबे कार्यक्रम के दौरान छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित एसटीईएम के विभिन्न पहलुओं से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को भारत के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में से एक, आईआईटी मंडी में रहने और सीखने का अनूठा अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने रोचक कार्यशालाओं, व्याख्यानों, प्रयोगशाला भ्रमण और टीम प्रोजेक्ट्स में भाग लिया, जिनका उद्देश्य STEM शिक्षा को सहज, दिलचस्प और प्रायोगिक बनाना था। प्रयास 3.0 के मुख्य आकर्षणों में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की शुरुआती कक्षाएं, सर्किट डिज़ाइन, मैकेनिकल प्रोटोटाइपिंग गतिविधियां और समस्याओं के समाधान की चुनौतियां शामिल रहींरोबो सॉकर प्रतियोगिता इस कार्यक्रम की सबसे रोचक गतिविधियों में से एक रही, जिसमें छात्रों ने अपने रोबोट डिज़ाइन किए, प्रोग्रामिंग की और उन्हें नियंत्रित कर रोबोट फुटबॉल मैच खेला। अधिकांश छात्रों के लिए यह रोबोटिक्स का पहला व्यावहारिक अनुभव था, जिसने उनके भीतर तकनीक के प्रति उत्साह और आत्मविश्वास को और बढ़ाया। एक छात्र मेंटर ने कहा,जब बच्चों ने अपने बनाए हुए रोबोट को फुटबॉल खेलते देखा, तो उनके चेहरों पर जो खुशी थी वह अविस्मरणीय थी। उनमें से अधिकांश ने इससे पहले कभी ऐसी गतिविधि का अनुभव नहीं किया था।
समापन समारोह के दौरान आईआईटी मंडी के सेंटर फॉर कंटिन्यूइंग एजुकेशन सीसीई के प्रमुख डॉ. तुषार जैन ने छात्रों के उत्साह की सराहना करते हुए प्रारंभिक स्तर पर एसटीइएम शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रयास का उद्देश्य छात्रों में जिज्ञासा के बीज बोना है। हम आशा करते हैं कि यह अनुभव उनके जीवन में हमेशा बना रहेगा और उनके सीखने और सोचने के तरीके को एक नई दिशा देगा। रोबोटिक्स, कोडिंग और इंजीनियरिंग डिज़ाइन जैसी इंटरएक्टिव कार्यशालाओं और आईआईटी मंडी के अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं के माध्यम से हम विज्ञान और तकनीक को छात्रों के लिए सहज और रोचक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हम आशा करते हैं कि यहां मिली सीख और आत्मविश्वास उन्हें वैज्ञानिक, इंजीनियर और नवोन्मेषक बनने के लिए प्रेरित करेगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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