– खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर संभागीय बैठक आयोजित
इंदौर, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर समीक्षा बैठक हुई। बैठक में संभागायुक्त सिंह ने खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो खाद्य प्रतिष्ठान विशेषकर खाद्य पदार्थों का निर्माण, संग्रहण एवं विक्रय करने वाले खुले में खाद्य पदार्थों की ब्रिकी करें, उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाये और उनकी शत-प्रतिशत वसूली भी की जाये। साथ ही वर्षा ऋतु के दौरान फल, फ्रूट, ढ़ाबों, रेस्ट्रोरेंट, ठैलों इत्यादि का सतत निरीक्षण कर लीगल/सर्विलांस नमूनों का संग्रहण किया जाये।
बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि आने वाले महीनों में कई पर्व, उत्सव और त्यौहार है, ऐसे अवसरों पर बड़ी संख्या में दूध, बेसन, मावा, तेल आदि से बने खाद्य पदार्थों का निर्माण, संग्रहण एवं विक्रय होता है। इस त्यौहारी सीजन में नकली मावा और मिलावटी खाद्य पदार्थों के कई प्रकरण देखने को मिलते है। अत: खाद्य सुरक्षा अधिकारी बाजारों में जाकर खाद्य पदार्थों के नमूने ले और चलित खाद्य प्रयोगशाला में जांच कराएं। यदि वे अमानक या मिलावटी पाये जाते है, तो ऐसे निर्माता प्रतिष्ठानों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये। संभागायुक्त ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि फूड पायजनिंग के मामले छात्रावासों और आश्रमों में न आएं। इसके लिए जरूरी है कि जनजाति कार्य विभाग से सूची बनाकर विशेष रूप से इनकी निगरानी करें। इस कार्य को सभी अधिकारी गंभीरता से लें और मिशन मोड़ में कार्य करें और आवश्यकता होने पर कार्यवाही भी सुनिश्चित करें।
बैठक में संयुक्त आयुक्त विकास डी.एस.रणदा, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. शॉजी जोसेफ, उप संचालक डॉ. सोनिया शिल्पा लाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव हसानी, कीट विज्ञानी सी.एस. शर्मा, संभागीय समन्वयक मोनिका मण्डलोई सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में इंदौर जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि इंदौर जिला खाद्य सुरक्षा और शुद्धता के क्षेत्र में भी देश में एक उदाहरण बन गया है। ईट राइट चैंलेज प्रतियोगिता-4 में इंदौर को गत वर्ष पहला स्थान मिला था। इस बार भी इंदौर का दावा मजबूत है। संभागायुक्त ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और शुद्धता में जब सभी पैरामीटर में इंदौर अव्वल नम्बर पर है तो उसे इस वर्ष भी प्रथम स्थान मिले, इसके लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन को सतत प्रयास जारी रखना चाहिये।
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में जो खाद्य निर्माता प्रतिष्ठान या विक्रय करने वाले प्रतिष्ठान मिलावटी खाद्य पदार्थों का विक्रय कर रहा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत उनके प्रतिष्ठानों के लायसेंस रद्द किये गये, साथ ही अर्थदंड भी वसूला गया। इसके अलावा बड़ी मात्रा में मिलावटी खाद्य पदार्थ भी जब्त किया गया। बताया गया कि ईट राइट की गतिविधि के अंतर्गत इंदौर जिले में 09 कैंपस, दो क्लीन स्ट्रीट फूड हब, दो ईट राईट स्टेशन, 5 ईट राईट स्कूल एवं दो मंदिरों का भोग सर्टिफिकेशन करवाया गया। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में संचालित मेस पर लगातार निरीक्षण एवं नमूना कार्रवाई की जा रही है। विभिन्न स्ट्रीट फूड वेंडर को फास्ट्रेक प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक करने के साथ-साथ संबंधित प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण एवं नमूना कार्रवाई की जा रही है।
आलीराजपुर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में मिठाई, कोल्ड्रिंक्स एवं घी के सैंपल लेकर मिलावट की आशंका में परीक्षण हेतु राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे गए। खरगोन खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य फूड/जंक फूड पर विशेष अभियान चलाया गया। खंडवा खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि एक किराना दुकान का निरीक्षण कर पेप्सी के नमूने लिये गए।
(Udaipur Kiran) तोमर
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