मंडी, 21 जून (Udaipur Kiran) । सीटू मंडी जिला कमेटी की बैठक कामरेड तारा चंद भवन में जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में राज्य महासचिव प्रेम गौतम विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के मनरेगा के 461 करोड़ रुपये रोकने की कड़ी निंदा की गई। साथ ही नवउदारवादी नीतियों के चलते स्थायी रोजगार खत्म कर फिक्स्ड टर्म व ठेका आधारित रोजगार को बढ़ावा देने पर चिंता जताई गई। कृषि, पशुपालन, बैंक सखियों व मित्रों को नाममात्र वेतन पर लगाया जा रहा है।
बैठक में यह भी कहा गया कि आंगनवाड़ी, मिड-डे मील और आशा वर्करों को न तो न्यूनतम वेतन मिल रहा है और न ही उन्हें विभागीय कर्मचारी माना गया है। हाईवे, रेलवे और हाईडल परियोजनाओं में मजदूरों का शोषण हो रहा है।
स्ट्रीट वेंडर कानून के तहत रेहड़ी-फड़ी वालों का पंजीकरण नहीं हो रहा है। बिजली क्षेत्र का निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना का विरोध किया गया। केंद्र सरकार हिमाचल के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बंद करने के लिए दबाव बना रही है।
इन मुद्दों के खिलाफ 9 जुलाई को देशव्यापी मजदूर हड़ताल का ऐलान किया गया है। मंडी, सरकाघाट, जोगिंदरनगर, बालीचौकी व निहरी में प्रदर्शन होंगे। सभी यूनियनें, जैसे आंगनवाड़ी, मिड डे मील, रेहड़ी फड़ी, मनरेगा, आउटसोर्स, 108-102 एम्बुलेंस, सफाई व सीवरेज कर्मचारी भाग लेंगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 29 जून को मंडी में आंगनवाड़ी यूनियन, 5 जुलाई को मनरेगा और निर्माण मजदूरों तथा 25 जुलाई को रेहड़ी-फड़ी यूनियन के जिला सम्मेलन आयोजित होंगे। 12-13 जुलाई को ऊना में होने वाले राज्य सम्मेलन में 25 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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