Next Story
Newszop

ब्रिक्स में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, आतंकवाद और वैश्विक पाखंड के खिलाफ वैश्विक जागृति का आह्वान-गौरव गुप्ता

Send Push

जम्मू, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर यूटी के भाजपा प्रवक्ता गौरव गुप्ता ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोरदार और बेबाक संबोधन ने वैश्विक समुदाय को एक स्पष्ट और बहुत जरूरी संदेश दिया है कि आतंकवाद से आधे-अधूरे उपायों, कूटनीतिक चुप्पी या चुनिंदा आक्रोश से नहीं लड़ा जा सकता।

गौरव गुप्ता ने बताया कि हाल ही में हुए एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन के विपरीत जहां क्रूर पहलगाम आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं हुआ जिसके परिणामस्वरूप कोई संयुक्त घोषणा जारी नहीं की गई ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। ब्रिक्स संयुक्त विज्ञप्ति में पहलगाम हमले का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया इसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता दिखाई गई। गुप्ता ने कहा यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता है और आतंकवाद के प्रायोजकों को बेनकाब करने तथा सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी – भारत आतंक का शिकार है कुछ देश इसके निर्यातक हैं न केवल साहसिक थी बल्कि लंबे समय से लंबित थी। ये शब्द जम्मू और कश्मीर की वास्तविकता को दर्शाते हैं एक ऐसा क्षेत्र जिसने दशकों तक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सबसे अधिक कीमत चुकाई है। गुप्ता ने कहा कि यह देखकर खुशी हुई कि ब्रिक्स ने इस वास्तविकता को पहचाना जहां एससीओ कुछ सदस्य देशों के दबाव के कारण विफल रहा है जो आतंकवादी तत्वों को बचाना या उनका समर्थन करना जारी रखते हैं। गौरव गुप्ता ने आतंकवाद को सुरक्षित पनाह, वित्त पोषण और वैचारिक कवर प्रदान करने वाले देशों पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के प्रधानमंत्री के सीधे आह्वान का स्वागत किया

गुप्ता ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ के रूप में पीएम मोदी की भूमिका की भी प्रशंसा की उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शक्तिशाली पश्चिमी देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के दोहरे मानदंडों को सही ढंग से उजागर किया है। जलवायु वित्त से लेकर वैश्विक व्यापार तक और भू-राजनीतिक संघर्षों से लेकर आईएमएफ और विश्व बैंक के कामकाज तक पीएम मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि विकासशील देशों के साथ अक्सर अनुचित व्यवहार किया जाता है। गुप्ता ने टिप्पणी की जब पीएम मोदी ने कहा कि हम 20वीं सदी के टाइपराइटर पर 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर चलाने की कोशिश कर रहे हैं तो इसने वैश्विक शासन में सुधार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाया।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

Loving Newspoint? Download the app now