पालमपुर, 28 जून (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं की भयावह स्थिति पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से तेज रफ्तार जैसे अपराध पर सख्त कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय देश में बेहतरीन कार्य कर रहा है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में भारत राजमार्गों का देश बन चुका है।
शांता कुमार ने शनिवार काे एक बयान में कहा कि नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया है कि भारत में दुनिया के केवल 1% वाहन हैं, लेकिन वैश्विक सड़क दुर्घटनाओं में भारत की हिस्सेदारी 11% है। वर्ष 2024 में देश में 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.80 लाख लोगों की मौत हुई। इनमें प्रतिदिन औसतन 42 बच्चे और 31 किशोर अपनी जान गंवाते हैं।
उन्होंने कहा कि 75% सड़क दुर्घटनाएं तेज गति के कारण होती हैं और इन्हें सख्त कानूनों से रोका जा सकता है।
शांता कुमार ने सुझाव दिया कि तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर पहली बार में 25 हजार रुपये जुर्माना और 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाए। यदि व्यक्ति वही अपराध दोबारा करे, तो जुर्माना बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया जाए और लाइसेंस 6 महीने के लिए रद्द किया जाए। उन्होंने कहा, इतनी सख्त सजा से मूर्ख तक संभल जाएंगे, भले ही 10% महामूर्ख न समझें।
उन्होंने अनुमान लगाया कि यदि यह सख्त कानून लागू किया जाए, तो हर साल लगभग 1.22 लाख जानें बचाई जा सकती हैं और सरकार को जुर्मानों से 50 करोड़ रुपये से अधिक की आय हो सकती है।
शांता कुमार ने यह भी कहा कि दुनिया के कई देशों में कठोर सजा के चलते अपराधों में भारी कमी आई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य देशों में ऐसा संभव है, तो भारत में क्यों नहीं?
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
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