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रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया शिक्षा विभाग का वरिष्ठ लिपिक

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ईपीएफ निकासी को सात हजार रिश्वत लेते हुए पकड़ा

झांसी, 26 जून (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय पर गुरुवार को विजिलेंस टीम ने उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक राकेश चंद्र शर्मा को 7,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एक सहायक लिपिक राजकुमार सिंह की शिकायत पर की गई, जो अपनी बेटी की शादी के लिए जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) की राशि निकालना चाह रहे थे। बेटी की शादी की तारीख निकल गई, रिश्वत नहीं दी तो फाइल अटक गई।

पीड़ित राजकुमार सिंह सहायक लिपिक बुंदेलखंड इंटर कॉलेज वीरनगर, माधौगढ़ (जालौन) ने बताया कि उनकी बेटी की शादी आठ जून को तय थी। उन्होंने शादी की तैयारी के लिए अपने जीपीएफ से 16 लाख रुपये निकालने हेतु 16 मई को आवेदन किया था। आवेदन उप शिक्षा निदेशक कार्यालय, झांसी पहुँचा, जहां वरिष्ठ लिपिक राकेश चंद्र शर्मा ने फाइल आगे बढ़ाने की एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया कि रिश्वत न देने पर बाबू ने एक महीने तक फाइल रोककर रखी, जिसके चलते राजकुमार सिंह अपनी बेटी की शादी तय तारीख पर नहीं कर सके और कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। इसकी शिकायत राजकुमार ने विजिलेंस मुख्यालय, लखनऊ में की, तो जांच शुरू हुई। गुरुवार को निरीक्षक ठाकुरदास के नेतृत्व में टीम ने पीड़ित को रिश्वत की तय राशि के साथ उप शिक्षा निदेशक कार्यालय भेजा। जैसे ही राकेश चंद्र शर्मा ने रिश्वत के सात हजार रुपये लिए, विजिलेंस टीम ने इशारा मिलते ही उसे मौके पर ही रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए आरोपी राकेश चंद्र शर्मा, झांसी के सीपरी बाजार स्थित टंडन रोड का रहने वाला है और फिलहाल सदर बाजार, झांसी क्लब के पास स्थित सरकारी आवास में रह रहा है। उनके खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वेतन व विनियमितीकरण के लिए चक्कर लगा रहा शिक्षक

गोस्वामी तुलसीदास इंटर कॉलेज में तैनात कृष्णचंद को उच्च न्यायालय के आदेशों के बाबजूद भी अपने दो माह के वेतन व विनियमितीकरण को प्राप्त करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक व सयुंक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। आखिर और कितने दिन तक पीड़ित को विभागीय लिपिकों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। अथवा कोई और लिपिक भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद विजिलेंस की भेंट चढ़ेगा। तभी पीड़ित का हित हो सकेगा। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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