– इंदौर एयरपोर्ट पर नहीं मिला, बेंगलुरु में लगवाया रेबीज का इंजेक्शन
इंदौर, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . स्वच्छता में आठ बार देश के नंबर वन Madhya Pradesh के शहर इंदौर की ‘व्यवस्था’ को इन दिनों चूहे गंभीर चुनौती दे रहे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में दो नवजात को एनआईसीयू में चूहों द्वारा कुतरे जाने की वजह से हुई मौत के मामले में अभी जांच चल ही रही है. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के साथ ही एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वे में टॉप-3 एयरपोर्ट में शामिल देवी अहिल्याबाई होलकर विमानतल पर मंगलवार को एक यात्री को चूहे ने काट लिया. बेंगलुरु जाने के लिए प्रस्थान कक्ष में इंतजार कर रहे यात्री के पेंट में चूहा घुस गया. बाद में पीड़ित यात्री ने विमानतल पर पर्याप्त मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं होने का आरोप भी लगाया और बेंगलुरू पहुंचकर अपना इलाज करवाया.
जानकारी के अनुसार, भोपाल के रहने वाले अरुण मोदी इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6ई 6739 से बेंगलुरु जाने के अपनी पत्नी के साथ इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे थे. फ्लाइट दोपहर 3 बजकर 5 मिनट उड़ान भरती है. मोदी दंपत्ति दोपहर करीब एक बजे एयरपोर्ट पहुंच गए थे. फ्लाइट में समय बाकी होने के कारण वे एयरपोर्ट के ग्राउंड फ्लोर पर डिपार्चर हॉल में इंतजार कर रहे थे. अरुण रिकलाइनर्स पर आराम करने के लिए बैठे थे. इसी दौरान एक चूहा उनकी पैंट में घुस गया. घबराए अरुण ने चूहे को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने घुटने के पीछे काट लिय. घटना से घबराए अरुण ने शोर मचाया तो प्रबंधन की टीम वहां पहुंची और यात्री को मेडिकल कक्ष में ले गई. डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन यहां रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला.
अरुण मोदी ने बताया कि वह हैदराबाद की आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं. वह इंदौर से बेंगलुरु होते हुए कालीकट जा रहे थे. तभी यह घटना हो गई. उन्होंने कहा कि मैंने अपने डॉक्टर को फोन लगाया. उन्होंने मुझे तुरंत रैबीज का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी. इंदौर एयरपोर्ट के मेडिकल रूम में इंजेक्शन नहीं था. मैंने कहा कि प्रिस्क्रिप्शन लिखकर दे दें ताकि मैं कहीं और ये इंजेक्शन लगवा सकूं. इस पर डॉक्टर ने प्रिस्क्रिप्शन लिखकर दिया. जिसके आधार पर मैंने बेंगलुरु पहुंचकर इंजेक्शन लगवाया.
अरुण ने कहा कि मैंने एयरपोर्ट के मेडिकल रूम में स्टाफ से टिटनेस का इंजेक्शन लगाने को कहा तो उन्होंने वो भी न होने की बात कही. नाराजगी जाहिर करने के बाद एयरपोर्ट मैनेजर ने दखल दिया. तब जाकर स्टाफ ने टिटनेस का इंजेक्शन लगाया.
इंदौर एयरपोर्ट पर इससे पहले भी चूहों को लेकर यात्री कई बार शिकायत कर चुके हैं. कुछ समय पहले एक यात्री ने टर्मिनल में फूड काउंटर्स के पास चूहों को दौड़ते देख उनका वीडियो बनाकर शेयर किया था. एयरपोर्ट पर मच्छर, कॉकरोच और आवारा कुत्तों की शिकायत भी की जा चुकी हैं. तीन दिन पहले भी एक यात्री ने एयरपोर्ट के वॉशरूम में गंदगी के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए थे. जिसके जवाब में एयरपोर्ट प्रबंधन ने तुरंत सफाई करवाई थी. यहां बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को देखते हुए एयरपोर्ट पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा चलाया जा रहा है.
एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा के अलावा मेडिकल की बेहतर सुविधा देने का दावा किया जाता रहा है. चूहा घुसने और यात्री को काटने जैसी घटना ने सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यात्री सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावे करने वाला एयरपोर्ट प्रबंधन केवल मूल आपातकालीन मेडिकल सुविधा तक देने में नाकाम साबित हुआ है. इससे मेडिकल सुविधा की कलई खुल चुकी है.
हाल ही में जारी हुई एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वे की दूसरी तिमाही रैंकिंग में इंदौर एयरपोर्ट देश के चुनिंदा एयरपोर्ट में तीसरे पायदान पर रहा था. प्रति वर्ष 18 लाख यात्रियों के आवागमन वाले एयरपोर्ट के बीच किए गए सर्वे में 31 बिंदुओं पर यात्री सुविधाओं को लेकर जांच होती है. इसमें सफाई व्यवस्था के अंक भी शामिल होते हैं.
इंदौर एयरपोर्ट के डायरेक्टर विपिनकांत सेठ ने बताया कि एयरपोर्ट पर यात्री के साथ चूहे के काटने की घटना के बाद उनका तुरंत उपचार कराया गया. इंजेक्शन देने में देरी होने के मामले में डाक्टर को निर्देशित किया गया है. पंद्रह दिन पहले ही पेस्ट कंट्रोल किया गया था और आज फिर से पेस्ट कंट्रोल कराया गया है. कैजेस भी लगवा दिए हैं और स्टाफ को भी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए निर्देशित किया गया है.
उल्लेखनीय है कि 30-31 अगस्त में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय में एनआइसीयू में भर्ती दो नवजात को चूहों ने कुतर दिया था. बाद में दोनों बच्चों की मृत्यु हो गई थी. रात भर में चूहे बच्चों की उंगलियां व पैर को नुकसान पहुंचाया था. हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा कि घटना के बाद अब तक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया.
(Udaipur Kiran) तोमर
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