धर्मशाला, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय धर्मशाला स्थित जिला सत्र न्यायालय परिसर को बम से उड़ाने की ईमेल से मिली धमकी के बाद बुधवार को अफरातफरी का माहौल बन गया। इसी बीच सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने मौका पर पहुंचकर न्यायालय परिसर को एहतियातन खाली करवा दिया। करीब साढ़े तीन घंटे तक न्यायालय परिसर में बम और डॉग स्क्वायड की टीमें जांच में जुटी रही। दो बजकर 55 मिनट पर जांच में जुटी टीम ने बाहर आकर वकीलों व न्यायालय स्टाफ को कुछ भी न मिलने की बात कहते हुए अंदर जाने की बात कही। साथ ही कुछ भी संदिगध वस्तु नजर आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करने को कहा गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश की आधिकारिक ईमेल पर मिली धमकी के बाद हरकत में आते हुए पुलिस को सूचित किया गया। जिसके बाद डॉग स्क्वायड तथा बम निरोधक दस्ते को सूचित किया तथा इसके बाद पूरे परिसर की जांच करने से पहले बम निरोधक दस्ते ने भवन को पहले खाली करवाया। इस दौरान कुछ घंटों तक तलाश के बाद भवन में बम जैसी कोई सामग्री न मिलने से सुरक्षा एजेंसियों ने चैन की सांस ली।
जिला बार एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अंकुर सोनी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आधिकारिक ईमेल पर एक मेल आई थी कि कुछ संदिग्ध वस्तु यहां पर रखी गई है, जिस पर डीसी और एसपी कांगड़ा से संपर्क किया। तत्काल बम स्क्वायड को बुलाया गया और उसी पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय परिसर को खाली करवाकर पूरी तरह से जांच करवाई गई। सुबह दस बजे के लगभग ईमेल पर सूचना आई थी, उसके उपरांत करीब साढ़े 11 बजे तक न्यायालय परिसर को खाली करवा दिया गया था। सूचना मिली है कि कुछ अन्य जिलों में भी इस तरह की ईमेल आई हैं।
एएसपी जिला कांगड़ा हितेष लखनपाल ने बताया कि एक ईमेल प्राप्त हुई थी, जो कि अन्य जिलों को भी प्राप्त हुई थी, जिसमें न्यायालय परिसर को उड़ाने के बारे में लिखा गया था, जिस पर एहतियातन धर्मशाला स्थित न्यायालय परिसर को खाली करवाया गया। बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड की टीम द्वारा न्यायालय परिसर को खाली करवाकर चेक किया गया है, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। जो ईमेल आई थी, उस संबंध में भी जांच की जा रही है कि ईमेल कहां से भेजी गई थी और आगामी कार्रवाई की जा रही है। मार्च-अप्रैल से इस तरह की ईमेल का सिलसिला चल रहा है, जो कि न केवल हिमाचल, बल्कि पूरे देश में ऐसी ई-मेल फर्जी पाई गई हैं। पुलिस जांच कर इस मामले से जुड़ी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश में लगी है।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया